क्या मायावती ने प्राकृतिक आपदाओं पर सरकारों से मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की अपील की?

सारांश
Key Takeaways
- मायावती ने प्राकृतिक आपदाओं के समय सरकारों से मानवता की भावना को अपनाने की अपील की।
- भारी बारिश और बाढ़ ने कई राज्यों में जान-माल का नुकसान किया है।
- सरकारों को पीड़ितों की सहायता के लिए तत्पर रहना चाहिए।
- भविष्य में आपदाओं से निपटने के लिए बुनियादी ढांचे पर ध्यान देना अनिवार्य है।
- आम जनता की मदद से मानवता की भावना को उजागर किया गया है।
लखनऊ, ४ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने देश के विभिन्न हिस्सों में आई भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से उत्पन्न संकट पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने बताया कि इन प्राकृतिक आपदाओं के कारण पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, असम जैसे कई राज्यों के ग्रामीण क्षेत्रों में जान-माल और पशुधन को भारी नुकसान हुआ है। इसके अलावा, गुरुग्राम और नोएडा जैसे शहरी क्षेत्रों में जलभराव ने करोड़ों लोगों के जीवन को प्रभावित किया है।
बसपा प्रमुख मायावती ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर अपने विचार साझा करते हुए कहा कि इस कठिन समय में जनता विभिन्न परेशानियों और आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रही है। उन्होंने कहा कि पीड़ितों की सहायता के लिए आम जनता द्वारा आगे आने की खबरें और तस्वीरें मानवता की भावना को दर्शाती हैं।
उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों से अपील की कि वे इस आपदा के समय अपनी जिम्मेदारियों को पूरी निष्ठा से निभाएं और पीड़ितों के लिए हर संभव सहायता प्रदान करें। मायावती ने कहा कि सरकारों को मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए तात्कालिक राहत पहुंचाने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए।
इसके साथ ही, बसपा सुप्रीमो ने सुझाव दिया कि भविष्य में इस प्रकार की आपदाओं से निपटने के लिए बुनियादी जनसुविधाओं और ढांचे पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए, ताकि हर साल आम जनजीवन, विशेषकर किसानों, गरीबों, मजदूरों और मेहनतकश लोगों की रोजी-रोटी पर विपरीत प्रभाव न पड़े।
गौरतलब है कि इस बार मानसून में पहाड़ों से लेकर मैदानी क्षेत्रों में भारी बारिश हुई है। पहाड़ों में बारिश के साथ भूस्खलन और बादल फटने जैसी घटनाएं भी देखने को मिली हैं। पहाड़ों पर भारी बारिश और बादल फटने के कारण मैदानी इलाकों में स्थिति और गंभीर हो गई है। नदियां उफान पर हैं। पिछले दो महीने में बारिश, बाढ़ और भूस्खलन की इन घटनाओं में सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है।