क्या जीएसटी रेट में कटौती से आवास और निर्माण क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा?

सारांश
Key Takeaways
- जीएसटी में कटौती से निर्माण सामग्री की लागत में कमी आएगी।
- निर्माण क्षेत्र में निजी निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा।
- आवास की उपलब्धता बढ़ेगी।
- रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे।
- सतत विकास की दिशा में कदम बढ़ाया जाएगा।
नई दिल्ली, 19 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रमुख निर्माण सामग्री और सेवाओं पर जीएसटी रेट में कटौती से आवास और निर्माण क्षेत्र को बड़ा समर्थन मिलने की संभावना है। इससे आवास की लागत कम होने, इंफ्रास्ट्रक्चर की खर्च में कमी और नए रोजगार के अवसरों का सृजन होने की उम्मीद है। यह जानकारी एक आधिकारिक बयान में प्रस्तुत की गई।
इन सुधारों का लक्ष्य सभी के लिए आवास के राष्ट्रीय मिशन के साथ अद्भुत मेल बैठाना है, जिससे स्मार्ट सिटी, मेट्रो परियोजनाओं और अन्य शहरी एवं ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर विकास की महत्वपूर्ण पहलों को बढ़ावा मिलेगा।
इसके अलावा, इस बयान में कहा गया है कि ये सुधार निर्माण क्षेत्र में निजी निवेश को भी प्रोत्साहित करेंगे।
जीएसटी 2.0 सुधारों के अंतर्गत, सीमेंट पर कर की दर को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत किया गया है, जिससे कुल निर्माण खर्च का 15-20 प्रतिशत और समग्र निर्माण लागत का लगभग 11 प्रतिशत कम होगा।
पार्टिकल बोर्ड पर जीएसटी को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने से एमएसएमई-ड्रिवन क्लस्टरों को लाभ होगा और पर्यावरण के अनुकूल जूट-आधारित आवास समाधानों को बढ़ावा मिलेगा।
इसी प्रकार, मार्बल और ग्रेनाइट ब्लॉकों पर कर की दर को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करना फर्श और फिनिशिंग की लागत को कम करेगा और साथ ही पत्थर उत्पादक राज्यों में लाखों नौकरियों को बनाए रखेगा।
ईंटों और सैंड लाइम ईंटों के लिए जॉब वर्क पर भी कर की दर को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है, जिससे छोटे घरों का निर्माण सस्ता होगा और एमएसएमई द्वारा संचालित ईंट भट्टों को समर्थन मिलेगा।
इसके अतिरिक्त, अपशिष्ट उपचार सेवाओं पर जीएसटी को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है, जिससे सीईटीपी अपनाने, हरित रोजगार और स्थायी अपशिष्ट प्रबंधन को बढ़ावा मिलेगा।
केंद्र सरकार दो प्रमुख योजनाओं के माध्यम से सभी के लिए आवास का लक्ष्य पूरा कर रही है।
2015 में शुरू की गई प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू), ईडब्ल्यूएस, एलआईजी, और एमआईजी श्रेणियों के योग्य लाभार्थियों को पक्के घर उपलब्ध कराती है।
2016 में प्रारंभ की गई प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई-ग्रामीण) का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में बेघर परिवारों और कच्चे या जीर्ण-शीर्ण घरों में रहने वालों को बुनियादी सुविधाओं से युक्त पक्के घर उपलब्ध कराना है।