क्या जीएसटी रिफॉर्म सरकार का दिखावटी कदम है, जनता को मिलेगा कोई फायदा?

सारांश
Key Takeaways
- जीएसटी रिफॉर्म का उद्देश्य कर प्रणाली को सरल बनाना है।
- अखिलेश यादव ने इसे धोखा करार दिया है।
- महंगाई में कमी की कोई उम्मीद नहीं दिखती।
- उत्तर प्रदेश में २०२७ विधानसभा चुनाव की तैयारी चल रही है।
- भ्रष्टाचार के मामले बढ़ रहे हैं।
लखनऊ, २५ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। देशभर में २२ सितंबर से लागू जीएसटी रिफॉर्म को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि पहले भाजपा सरकार ने वर्षों तक जनता को लूटा और अब जीएसटी रिफॉर्म के नाम पर लोगों को धोखा दे रही है।
सपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा सरकार ने जनता को जीएसटी कम करके कोई राहत नहीं दी है। राहत देनी थी तो इतने वर्षों तक क्यों नहीं दी गई?
लखनऊ में एक प्रेस वार्ता के दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि ९ साल बाद सरकार को समझ आया कि खाने-पीने की चीजें और किताबें महंगी हो गई हैं। इस दौरान सरकार ने कितना पैसा इकट्ठा किया, क्या उसकी भरपाई होगी?
उन्होंने बताया कि सरकार एक ओर करों में कमी का दावा करती है, दूसरी ओर भारी टैक्स वसूल रही है। अखिलेश ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार के फैसले मुनाफाखोरी को बढ़ावा दे रहे हैं, जिससे मुनाफा कमाना बंद नहीं होगा और महंगाई भी कम नहीं होगी।
उन्होंने जीएसटी कम करने को जनता के साथ एक धोखा करार दिया, यह कहते हुए कि यह सब दिखावटी कदम हैं, जिनसे जनता को कोई राहत नहीं मिलेगी।
उत्तर प्रदेश में २०२७ विधानसभा चुनावों की तैयारी तेज हो गई है। गुरुवार को बहुजन समाज पार्टी और अपना दल (एस) के कई प्रमुख नेताओं ने सपा की सदस्यता ग्रहण की। इनमें अमर सिंह चौधरी भी शामिल हैं।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि इनके आने से पार्टी को नई मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि हक, सम्मान और सामाजिक न्याय के लिए सभी मिलकर संघर्ष करेंगे।
किसानों का जिक्र करते हुए सपा अध्यक्ष ने कहा कि किसानों को उनके हक के अनुसार पैसा नहीं मिल रहा है। हमारी सरकार आने के बाद सर्कल रेट के हिसाब से पैसा दिया जाएगा।
भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के सभी रिकॉर्ड टूट गए हैं। हर विभाग में कमीशनखोरी हो रही है। जनता प्रदेश की सरकार से त्रस्त हो चुकी है और २०२७ के विधानसभा चुनाव में बदलाव होगा।