क्या गुजरात के आणंद जिले के कलेक्टर की पहल से राजस्व मामलों का निपटारा आसान हुआ?
सारांश
Key Takeaways
- राजस्व मामलों की सुनवाई अब स्थानीय स्तर पर हो रही है।
- लोगों को 50 किलोमीटर की यात्रा की आवश्यकता नहीं।
- इससे समय और खर्च की बचत हो रही है।
- कलेक्टर की पहल ने कई मामलों का त्वरित निपटारा किया है।
- यह अन्य जिलों के लिए मिसाल बन गई है।
आणंद, 28 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। गुजरात के आणंद जिले की खंभात तालुका में जिलाधिकारी प्रवीण चौधरी राजस्व से संबंधित मामलों की सुनवाई कर रहे हैं। पहले, स्थानीय लोगों को इसके लिए 50 किलोमीटर दूर आणंद जिला मुख्यालय जाना पड़ता था, लेकिन अब उन्हें अपने क्षेत्र में यह सुविधा मिल गई है। इससे न केवल समय की बचत हो रही है, बल्कि यात्रा के खर्च में भी कमी आई है।
स्थानीय निवासी कमलेश कुमार सोलंकी ने बताया कि कलेक्टर ने देखा कि खंभात तालुका में मामलों की संख्या अधिक थी और लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। लोग रात तक घर नहीं पहुँच पाते थे। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए, तहसील खंभात कचेहरी में मामलों की सुनवाई शुरू की गई, जिससे खंभात के निवासियों को बहुत राहत मिली है।
इस पहल से केवल वादियों ही नहीं, बल्कि वकीलों को भी काफी लाभ हो रहा है। एडवोकेट बीके परमार ने कहा कि जिलाधिकारी की यह पहल उनके लिए एक महत्वपूर्ण राहत साबित हुई है। पहले हमें 50 किलोमीटर दूर जाना पड़ता था, जिससे पूरा दिन बर्बाद हो जाता था। अब इससे वादी-प्रतिवादी और वकीलों दोनों के खर्च में कमी आई है।
जिलाधिकारी के अनुसार, जब उन्होंने जिले का कार्यभार संभाला था, तब यहाँ राजस्व और भूमि विवाद से जुड़े लगभग 2,700 मामले लंबित थे। अब केवल जिलाधिकारी को ही तालुका मुख्यालय जाना होता है, जिससे मामलों के निपटारे में तेजी आई है।
प्रवीण चौधरी ने कहा कि आणंद जिले में जितने भी न्यायालय के मामले हैं, वे सभी संबंधित तालुका के तहसीलदार के कार्यालय से सुने जा रहे हैं। इससे त्वरित निर्णय लेने में मदद मिली है।
यह कदम आम जनता की सुविधा के लिए उठाया गया है और इससे जिले के निवासियों को काफी लाभ हो रहा है। जिलाधिकारी की यह पहल अब गुजरात के अन्य जिलों के लिए एक मिसाल बन गई है।