क्या यूएई से भारत लाया गया भगोड़ा उपवन पवन जैन, ठगी के गंभीर आरोप?

सारांश
Key Takeaways
- उपवन पवन जैन पर गंभीर आरोप हैं।
- सीबीआई ने अंतरराष्ट्रीय सहयोग से उसे भारत लाया।
- जैन ने धोखाधड़ी से 3.5 करोड़ रुपये की ठगी की।
- इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था।
- भारत की सुरक्षा एजेंसियों की सक्रियता से अपराधियों की धरपकड़ में तेजी।
नई दिल्ली, 21 जून (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जांच एजेंसियों ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। गुजरात के वांछित आरोपी उपवन पवन जैन को यूएई से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया है। उपवन पवन जैन पर धोखाधड़ी, कीमती दस्तावेजों की जालसाजी और आपराधिक षड्यंत्र के गंभीर आरोप हैं।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने अंतरराष्ट्रीय पुलिस सहयोग इकाई (आईपीसीयू) और एनसीबी-अबू धाबी के साथ समन्वय स्थापित किया। इस सहयोग के तहत आरोपी के खिलाफ रेड नोटिस जारी किया गया। इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस विश्वभर की कानून प्रवर्तन एजेंसियों को वांछित अपराधियों और आरोपियों की पहचान और ट्रैकिंग के लिए भेजा जाता है।
इसके बाद, एजेंसी ने इंटरपोल और एनसीबी के साथ मिलकर आरोपी को यूएई में खोजा और उसे भारत लाने की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया। इंटरपोल चैनलों के माध्यम से इस समन्वय के फलस्वरूप उपवन पवन जैन को 20 जून को भारत लाया गया।
सीबीआई ने एक प्रेस नोट में कहा कि सीबीआई ने गुजरात पुलिस के अनुरोध पर 6 मार्च 2023 को इंटरपोल रेड नोटिस जारी किया। उपवन पवन जैन की गिरफ्तारी यूएई में हुई और इसके बाद भारत सरकार के गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के माध्यम से प्रत्यर्पण अनुरोध भेजा गया था।
सीबीआई के अनुसार, एक मामला गुजरात के सूरत शहर के अदाजन पुलिस स्टेशन में दर्ज है, जिसमें उपवन पवन जैन पर धोखाधड़ी करने, कीमती दस्तावेजों की जालसाजी और आपराधिक षड्यंत्र के गंभीर आरोप हैं।
उपवन पवन जैन एक रियल एस्टेट एजेंट के रूप में कार्यरत था। उसने शिकायतकर्ता को चार अलग-अलग संपत्तियां दिखाईं और उन्हें खरीदने के लिए प्रेरित किया। आरोप है कि उसने अपने सहयोगियों को असली संपत्ति मालिकों की फर्जी पहचान देकर बैंक खाते खुलवाए और धोखाधड़ी करके साढ़े 3 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की।
सीबीआई ने प्रेस नोट में बताया कि पिछले कुछ वर्षों में इंटरपोल के माध्यम से 100 से अधिक वांछित अपराधियों को भारत वापस लाया गया है। यह सफलता भारत की अंतरराष्ट्रीय अपराध नियंत्रण में बढ़ती क्षमता और सीबीआई की सक्रिय भूमिका को दर्शाती है।