क्या गुजरात के जोड़िया में केसीसी और एनएफडीपी पंजीकरण शिविर से मछुआरों को मिली नई पहचान?

सारांश
Key Takeaways
- मछुआरों को मिले नए पहचान पत्र
- लाइसेंस से मिली सुरक्षा
- सरकारी योजनाओं का लाभ
- डिजिटल प्लेटफॉर्म की भूमिका
- सागरखेड़ू की उपाधि
जामनगर, १ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। गुजरात के जामनगर जिले के जोड़िया तालुका में किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) और एनएफडीपी (राष्ट्रीय मत्स्य पालन डिजिटल प्लेटफॉर्म) पंजीकरण शिविर का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री राघवजीभाई पटेल ने की। इस शिविर में मंत्री ने लगभग ५० पगड़िया मछुआरों को लाइसेंस प्रदान किए।
लाइसेंस प्राप्त करने के बाद मछुआरों ने राष्ट्र प्रेस से खास बातचीत में अपने अनुभव साझा किए और केंद्र एवं प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया।
शबीर हुसैन ने बताया कि वह मछली पकड़ते हैं और उनके पास नाव भी है। उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से कार्ड मिलने से उन्हें बहुत लाभ हुआ है। इस कार्ड को दिखाने के बाद कोस्ट गार्ड और पुलिस की तरफ से कोई समस्या नहीं आती।
जामनगर में मछुआरा प्रमुख अनवर संधार ने कहा कि राष्ट्रीय मत्स्य पालन डिजिटल प्लेटफॉर्म मछुआरों का पहचान पत्र है। इससे समुदाय को कोई भी परेशान नहीं कर पाएगा। प्रधानमंत्री मोदी मछुआरों के विकास के लिए सक्रिय हैं। इस डिजिटल प्लेटफॉर्म से मछुआरा समुदाय खुश है।
मछुआरा कासम ने बताया कि उनके पास नाव है और उन्हें एनएफडीपी से कार्ड मिला है। इससे उन्हें लोन भी आसानी से मिल जाएगा। पहले पुलिस उन्हें परेशान करती थी, लेकिन कार्ड बन जाने के बाद यह समस्या हल हो गई। अगर कोई अधिकारी पहचान पत्र मांगता है तो वह यह कार्ड दिखाते हैं।
गुजरात अपनी लंबी तटरेखा के कारण मत्स्य पालन के क्षेत्र में अग्रणी है। जामनगर का जोड़िया छह मछली पकड़ने वाले केंद्रों में से एक है। यहां मुख्य रूप से मछली पकड़ने से जुड़ा समुदाय निवास करता है। मछुआरों की पहचान के लिए उन्हें एनएफडीपी (राष्ट्रीय मत्स्य पालन डिजिटल प्लेटफॉर्म) प्रदान किया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने मछुआरों को सागरखेड़ू की उपाधि दी है और उनके आर्थिक विकास के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। सरकार राज्य के बंदरगाहों, घाटों और मछली पकड़ने के स्थानों को विकसित करने के लिए निरंतर प्रयासरत है।
यह ध्यान देने योग्य है कि राष्ट्रीय मत्स्य पालन डिजिटल प्लेटफॉर्म (एनएफडीपी) की शुरुआत वर्तमान में चल रही प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सहाय योजना (पीएम-एमकेएसएसवाई) के अंतर्गत की गई है, जो प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) की एक उप-योजना है। एनएफडीपी में हर मछुआरा पंजीकरण करा सकेगा और पंजीकरण के बाद वह इस संबंध में प्रमाण पत्र भी डाउनलोड कर सकेगा। पंजीकृत मछुआरों को सरकार की विभिन्न योजनाओं आदि की जानकारी भी प्राप्त होगी।