क्या गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को मिली महाराष्ट्र की अतिरिक्त जिम्मेदारी?

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क्या गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को मिली महाराष्ट्र की अतिरिक्त जिम्मेदारी?

सारांश

गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को महाराष्ट्र के राज्यपाल की जिम्मेदारी सौंपी गई है। क्या यह बदलाव महाराष्ट्र के राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित करेगा? जानिए इस महत्वपूर्ण घटनाक्रम के पीछे की कहानी।

Key Takeaways

  • आचार्य देवव्रत को महाराष्ट्र के राज्यपाल की जिम्मेदारी सौंपी गई।
  • सीपी राधाकृष्णन ने उपराष्ट्रपति बनने के बाद इस्तीफा दिया।
  • गुजरात के राज्यपाल के रूप में उनका अनुभव महत्वपूर्ण होगा।
  • राष्ट्रपति ने सीपी राधाकृष्णन को बधाई दी।
  • महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिरता पर असर डाल सकता है।

नई दिल्ली, 11 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। सीपी राधाकृष्णन के उपराष्ट्रपति बनने के बाद आचार्य देवव्रत अब महाराष्ट्र के राज्यपाल की जिम्मेदारी संभालेंगे। सीपी राधाकृष्णन ने राज्यपाल पद से इस्तीफाराष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को महाराष्ट्र का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा।

इस संबंध में राष्ट्रपति के प्रेस सचिव अजय कुमार सिंह ने गुरुवार को आधिकारिक आदेश जारी किया। विज्ञप्ति में कहा गया, "सीपी राधाकृष्णन के उपराष्ट्रपति चुने जाने के कारण महाराष्ट्र के राज्यपाल का पद छोड़ने के चलते भारत के राष्ट्रपति ने गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को उनके अपने कर्तव्यों के अतिरिक्त महाराष्ट्र के राज्यपाल के कार्यों का निर्वहन करने के लिए नियुक्त किया है।"

गुजरात के राज्यपाल के रूप में कार्य करने से पहले आचार्य देवव्रत अगस्त 2015 से जुलाई 2019 तक हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल के पद पर थे। उन्होंने जुलाई 2019 से गुजरात के राज्यपाल के रूप में कार्यभार संभाला।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन 9 सितंबर को भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित हुए। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार के रूप में उपराष्ट्रपति चुनाव लड़ा और 'इंडिया' ब्लॉक के उम्मीदवार, पूर्व न्यायाधीश बी सुदर्शन रेड्डी को हराया। सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति चुनाव में 452 वोट प्राप्त हुए।

उपराष्ट्रपति चुने जाने के बाद सीपी राधाकृष्णन ने महाराष्ट्र के राज्यपाल का पद छोड़ दिया है, जिसे उन्होंने जुलाई 2024 से संभाला था। उन्होंने महाराष्ट्र में राज्यपाल के तौर पर रमेश बैस की जगह ली थी।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति बनने पर बधाई दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "सार्वजनिक जीवन में आपके (सीपी राधाकृष्णन) दशकों के समृद्ध अनुभव राष्ट्र की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान देंगे। मैं आपको एक सफल और प्रभावशाली कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं देती हूं।"

Point of View

बल्कि यह महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिरता पर भी असर डाल सकता है। आचार्य देवव्रत का अनुभव और नेतृत्व इस स्थिति में महत्वपूर्ण हो सकता है, खासकर जब देश में राजनीतिक बदलाव हो रहे हैं।
NationPress
11/09/2025

Frequently Asked Questions

आचार्य देवव्रत को क्यों जिम्मेदारी दी गई?
आचार्य देवव्रत को सीपी राधाकृष्णन के उपराष्ट्रपति चुने जाने के बाद महाराष्ट्र के राज्यपाल की जिम्मेदारी दी गई।
सीपी राधाकृष्णन ने कब इस्तीफा दिया?
सीपी राधाकृष्णन ने 9 सितंबर को उपराष्ट्रपति बनने के बाद महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से इस्तीफा दिया।
आचार्य देवव्रत का पिछले कार्यकाल कहां रहा है?
आचार्य देवव्रत अगस्त 2015 से जुलाई 2019 तक हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल रहे हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने क्या कहा?
राष्ट्रपति मुर्मू ने सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति बनने पर बधाई दी और उनके अनुभव को राष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण बताया।
सीपी राधाकृष्णन ने किस पार्टी का प्रतिनिधित्व किया?
सीपी राधाकृष्णन ने उपराष्ट्रपति चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में भाग लिया।