क्या गुजरात में 'धरती आबा जन भागीदारी अभियान' ने 1.10 लाख से अधिक लाभार्थियों को लाभ पहुंचाया?

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क्या गुजरात में 'धरती आबा जन भागीदारी अभियान' ने 1.10 लाख से अधिक लाभार्थियों को लाभ पहुंचाया?

सारांश

गुजरात में 'धरती आबा जन भागीदारी अभियान' ने 15 दिनों में 1.10 लाख से अधिक आदिवासी लाभार्थियों को लाभ पहुंचाने में अद्भुत सफलता हासिल की है। यह अभियान सामाजिक कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

Key Takeaways

  • 1.10 लाख से अधिक आदिवासी लाभार्थियों को लाभ मिला।
  • 767 योजना-उन्मुख शिविर आयोजित किए गए।
  • 22 विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ प्रदान किया गया।
  • आदिवासी स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया गया।
  • समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास।

गांधीनगर, 22 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। देश के जनजातीय नागरिकों के सर्वांगीण विकास के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा संचालित 'धरती आबा जनभागीदारी' अभियान का लक्ष्य है कि सभी योजनाओं से जुड़ी सेवाएं सीधे उनके दरवाजे पर उपलब्ध कराई जाएं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'भगवान बिरसामुंडा' की 150वीं जयंती के अवसर पर इस अभियान का उद्घाटन किया।

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में, गुजरात के विभिन्न जिलों में 30 जून से 15 जुलाई तक यह अभियान चलाया गया। इस दौरान, कुल 767 योजना-उन्मुख शिविर का आयोजन किया गया और मात्र 15 दिनों में 21 जिलों के 1.10 लाख से अधिक आदिवासी लाभार्थियों को 22 योजना-उन्मुख सेवाओं का लाभ दिया गया। इस अभियान में 5 लाख से अधिक आदिवासी भाई-बहनों ने भाग लिया। आदिवासी विकास मंत्री डॉ. कुबेर डिंडोर ने गांधीनगर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस अभियान की सफलता के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर जनजातीय विकास राज्य मंत्री कुंवरजी भाई हलपति भी उपस्थित थे।

मंत्री डॉ. डिंडोर ने कहा कि आदिवासियों के समग्र विकास के लिए सबका साथ, सबका विकास और सबकी भागीदारी के संकल्प को पूरा करने के लिए यह अभियान शुरू किया गया है। गुजरात के 21 जिलों में इस अभियान के माध्यम से, विभिन्न सरकारी विभागों ने आदिवासी समुदाय के 22,226 नागरिकों को आधार कार्ड, 22,287 को आयुष्मान भारत कार्ड, 13,962 किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ और 11,313 नागरिकों को राशन कार्ड प्रदान किए हैं।

डॉ. डिंडोर ने आगे कहा कि 9,648 को पोषण अभियान, 8,207 को जाति प्रमाण पत्र, 8,230 को आदिवासी परिवारों को जाति प्रमाण पत्र कार्ड, 3,724 को पेंशन योजना, 2,765 को पीएम सुरक्षा बीमा योजना, 1,829 को पीएम जीवन ज्योति बीमा योजना, 1,352 को पीएम जनधन योजना, 1,382 को पीएम मातृवंदना योजना, 1,075 को पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना, 1,097 को पीएम उज्ज्वला योजना, 798 को किसान क्रेडिट कार्ड, 846 लाभार्थियों को वन अधिकार पत्र, 652 को पीएम विश्वकर्मा और 255 को स्टैंडअप इंडिया योजना का लाभ दिया गया है। इसके अलावा, 20,941 सिकलसेल टेस्ट और 4,054 टीबी मामलों की सफलतापूर्वक जांच की गई है।

इस अभियान के अंतर्गत 12 जुलाई 2025 को व्यारा में टीआरआई, गुजरात द्वारा आयोजित कार्यक्रम में जनजातीय विकास राज्य मंत्री कुंवरजी भाई हलपति विशेष रूप से उपस्थित रहे और अभियान में शामिल अधिकारियों, कर्मचारियों और जनजातीय लाभार्थियों का उत्साहवर्धन किया। अभियान के तहत आयोजित 767 शिविर स्थलों पर 521 आदिवासी पारंपरिक दीवार पेंटिंग, 2,459 विभिन्न पोस्टर और 3,444 सेल्फी पॉइंट स्थापित किए गए। भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पूरे देश में मनाई जा रही है। इस अभियान के जरिए गांव में शिविर लगाकर आदिवासी समुदाय को उनके दरवाजे पर स्वास्थ्य कार्ड, राशन कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, भूमि सत्यापन कार्ड, आवास योजना, स्वरोजगार के साधन और बिजली लाभ जैसी विभिन्न योजनाओं का लाभ प्रदान किया गया।

Point of View

यह देखना अत्यंत प्रेरणादायक है कि गुजरात में जनजातीय नागरिकों के विकास के लिए सरकारी प्रयासों का सकारात्मक फल मिल रहा है। 'धरती आबा जन भागीदारी अभियान' ने एक नई उम्मीद जगाई है और यह दिखाया है कि जब सरकार और समुदाय मिलकर काम करते हैं, तो विकास की संभावनाएं असीमित होती हैं।
NationPress
23/07/2025

Frequently Asked Questions

धरती आबा जन भागीदारी अभियान का उद्देश्य क्या है?
इस अभियान का उद्देश्य जनजातीय नागरिकों को योजनाओं से संबंधित सभी सेवाएं उनके दरवाजे पर उपलब्ध कराना है।
इस अभियान में कितने लाभार्थियों को लाभ मिला?
15 दिनों में 1.10 लाख से अधिक आदिवासी लाभार्थियों को लाभ मिला।
इस अभियान की शुरुआत कब हुई थी?
यह अभियान 30 जून से 15 जुलाई के बीच चलाया गया।
क्या योजनाएं इस अभियान के तहत प्रदान की गईं?
इस अभियान के तहत आधार कार्ड, राशन कार्ड, किसान सम्मान निधि, आयुष्मान भारत कार्ड आदि प्रदान किए गए।