क्या ईडी ने मानव तस्करी मामले में भरतकुमार पटेल को गिरफ्तार किया?

सारांश
Key Takeaways
- मानव तस्करी एक गंभीर समस्या है।
- धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई की जा रही है।
- भरतकुमार पटेल की गिरफ्तारी इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
- फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करना एक अपराध है।
- जांच जारी है और अन्य आरोपियों की पहचान की जा रही है।
गांधीनगर, 3 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मानव तस्करी से जुड़े मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के अंतर्गत भरतकुमार रामभाई पटेल उर्फ़ बॉबी पटेल को गिरफ्तार किया है।
भरतकुमार रामभाई पटेल को अहमदाबाद के मिर्जापुरा कोर्ट के विशेष न्यायाधीश (पीएमएलए) के सामने पेश किया गया, जहाँ न्यायाधीश ने उसे चार दिनों के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया है।
यह कार्रवाई अहमदाबाद के शोला उच्च न्यायालय पुलिस स्टेशन द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर की गई है, जिसमें पटेल और अन्य पर 2015 से भारतीय नागरिकों को अवैध रूप से विदेश भेजने का आरोप लगा है।
जांच में पता चला है कि भरतकुमार पटेल ने फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से इच्छुक भारतीय नागरिकों को विदेश भेजने में संलिप्तता दिखाई। उनके लिए वह यात्रियों के नाम पर नकली पासपोर्ट बनवाकर उन्हें असली बताकर विभिन्न देशों का वीजा दिलवाता था।
इस अवैध गतिविधि के लिए वह एक यात्री से 60 से 75 लाख रुपए, पति-पत्नी से एक से सवा करोड़ रुपए और बच्चों के साथ विदेश जाने के इच्छुक यात्रियों से 1.25 से 1.75 करोड़ रुपए वसूलता था।
गुजरात, दिल्ली और पश्चिम बंगाल में उसके खिलाफ कई एफआईआर दर्ज की गई हैं। इस मामले में कम से कम सात करोड़ रुपए का अपराध हुआ है। फिलहाल, इस मामले की आगे की जांच जारी है।