क्या गुजरात में 6 से 8 अगस्त को विश्व संस्कृत दिवस मनाया जाएगा?

सारांश
Key Takeaways
- संस्कृत भाषा का संरक्षण और संवर्धन आवश्यक है।
- संस्कृत सप्ताह का आयोजन संस्कृति के प्रति जागरूकता बढ़ाता है।
- नई पीढ़ी को संस्कृत से जोड़ने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
गांधीनगर, 4 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। संस्कृत के बारे में कहा गया है, ‘अमृतम् संस्कृतम् मित्र, सरसम् सरलम् वचः। एकता मूलकम् राष्ट्रे, ज्ञान विज्ञान पोषकम्।’ इसका अर्थ है कि संस्कृत भाषा न केवल सरस है, बल्कि सरल भी है। यह भाषा अपने विचारों, साहित्य के माध्यम से ज्ञान, विज्ञान और राष्ट्र की एकता को प्रोत्साहित करती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस तथ्य पर जोर दिया है कि अधिक से अधिक लोग संस्कृत का अध्ययन करें। संस्कृत, जिसे दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा माना जाता है, भारत की ऋषि परंपरा, दर्शन, अध्यात्म और सांस्कृतिक चेतना का प्रतीक है। यह केवल भाषा नहीं है, बल्कि जीवन दृष्टि है, जो मनुष्य के सर्वांगीण विकास में मार्गदर्शक बनती है।
हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा (रक्षाबंधन) के दिन संस्कृत दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष, 9 अगस्त को विश्व संस्कृत दिवस है, और 6 से 12 अगस्त के बीच संस्कृत सप्ताह मनाया जाएगा। गुजरात सरकार, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की अगुवाई में, इस अवसर पर विशेष तीन दिवसीय समारोह आयोजित करेगी।
संस्कृत दिवस का उद्देश्य संस्कृत भाषा को बढ़ावा देना, इसके महत्व के प्रति जागरूकता फैलाना और नई पीढ़ी को इस प्राचीन भाषा से जोड़ना है। यह दिवस पहली बार 1969 में मनाया गया था।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अंतर्गत, गुजरात राज्य संस्कृत बोर्ड द्वारा 6 से 8 अगस्त 2025 तक तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसमें पहले दिन संस्कृत गौरव यात्रा, दूसरे दिन संस्कृत संभाषण दिवस, और तीसरे दिन संस्कृत साहित्य दिवस मनाया जाएगा।
संस्कृत गौरव यात्रा जिला और राज्य स्तर पर होगी, जिसमें संस्कृत ज्ञान विरासत की प्रदर्शनी, संस्कार, गान और नारों के साथ विद्यार्थी, शिक्षक, विद्वान, कवि और लेखक शामिल होंगे।
दूसरे दिन, संस्कृत संभाषण दिवस पर, मुख्यमंत्री सहित विभिन्न स्तर के अधिकारी संस्कृत में संदेश देंगे।
तीसरे दिन, संस्कृत साहित्य दिवस पर, वेद पूजन, व्यास पूजन, ऋषि पूजन और अन्य गतिविधियों के माध्यम से समाज में संस्कृत साहित्य का गौरव स्थापित किया जाएगा।
गुजरात राज्य संस्कृत बोर्ड द्वारा लागू की गई ‘योजना पंचकम्’ का लक्ष्य संस्कृत भाषा का संरक्षण करना और इसकी लोकप्रियता बढ़ाना है।
संस्कृत दिवस मनाने के लिए श्रावण पूर्णिमा का दिन इसलिए चुना गया क्योंकि प्राचीन भारत में इसी दिन शैक्षणिक सत्र की शुरुआत होती थी। यह दिन ऋषि-मुनियों की परंपरा और वैदिक ज्ञान का प्रतीक माना जाता है।