क्या भरूच का जन औषधि केंद्र मरीजों के लिए संजीवनी बना?

सारांश
Key Takeaways
- जन औषधि केंद्र में दवाएं 10 से 80 प्रतिशत सस्ती उपलब्ध हैं।
- यह केंद्र गरीब और मध्यम वर्ग के लिए संजीवनी साबित हो रहा है।
- प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के तहत हजारों केंद्र स्थापित किए गए हैं।
भरूच, 7 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। गुजरात के भरूच जिले के श्रवण चौकड़ी क्षेत्र में स्थित प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र मरीजों के लिए किसी अविस्मरणीय वरदान से कम नहीं है। यहां रोजाना बड़ी संख्या में मरीज आते हैं, और इसका मुख्य कारण यह है कि यहां आवश्यक जेनरिक दवाएं बेहद कम कीमत पर उपलब्ध हैं।
सामान्य बाजार की तुलना में, यहां दवाएं 10 से 80 प्रतिशत तक सस्ती हैं। उदाहरण के लिए, जो ब्रांडेड दवा बाजार में 100 रुपए की मिलती है, उसकी जेनरिक दवा यहां केवल 15 रुपए में उपलब्ध है। यह पहल न केवल गरीब और मध्यम वर्ग के मरीजों के लिए राहत लेकर आई है, बल्कि यह देश के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव साबित हो रही है।
जन औषधि केंद्र के संचालक गिरीशभाई ने बताया कि उनके केंद्र पर कई ऐसे मरीज आते हैं, जो महंगी दवाइयां खरीदने में असमर्थ होते हैं। हमारे पास मधुमेह, थायरॉयड, उच्च रक्तचाप और अन्य गंभीर बीमारियों की दवाएं, जो बाजार की तुलना में बहुत कम कीमत पर उपलब्ध हैं। कई बार मरीज, जो बाजार में एक-दो हजार रुपए की दवाएं नहीं खरीद पाते, उन्हें यहां 500-700 रुपए में दवाएं मिल जाती हैं। यह देखकर वे भावुक हो जाते हैं और हमें आशीर्वाद देते हैं। यह केंद्र न केवल दवाएं प्रदान करता है, बल्कि मरीजों के लिए आशा और विश्वास का प्रतीक भी बन गया है।
इस केंद्र से दवाएं लेने वाले मरीजों की कहानियां इस पहल की सफलता को दर्शाती हैं। विनोद चंद्र ने कहा, "मैं जन औषधि केंद्र से अपनी दवाएं लेता हूं। यहां बीपी की दवाएं बहुत सस्ती मिलती हैं। सभी दवाएं किफायती हैं, और इसके लिए मैं प्रधानमंत्री जी को बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं।"
अमित अपने परिवार के बुजुर्गों के लिए मधुमेह की दवाएं खरीदते हैं। उन्होंने कहा, "मैं हर महीने हजारों रुपए दवाओं पर खर्च करता था, लेकिन अब जन औषधि केंद्र से आधे से भी कम कीमत में सब कुछ मिल जाता है। यह मेरे लिए बहुत बड़ी राहत है।"
इसी तरह भरत चूड़ासमा जो पहले हर महीने हजारों रुपए की दवाएं खरीदते थे, अब जन औषधि केंद्र से सस्ती दरों पर दवाएं प्राप्त करते हैं। उन्होंने कहा, "पहले मैं हर महीने भारी राशि दवाओं पर खर्च करता था, लेकिन अब मुझे आधे से भी कम दाम में सब मिल जाता है। यह केंद्र गरीब और मध्यम वर्ग के लिए संजीवनी से कम नहीं है। यह सरकारी योजना न केवल आर्थिक बोझ को कम कर रही है, बल्कि मरीजों के जीवन को आसान भी बना रही है।"
प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना के तहत देशभर में ऐसे हजारों केंद्र स्थापित किए गए हैं, जो किफायती दवाएं उपलब्ध कराकर स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बना रहे हैं। जन औषधि केंद्रों की यह पहल न केवल गरीब और मध्यम वर्ग के लिए आर्थिक रूप से लाभकारी है, बल्कि यह स्वास्थ्य क्षेत्र में सशक्तीकरण का प्रतीक भी है। केंद्र सरकार के इस प्रयास ने न केवल मरीजों के बीच विश्वास पैदा किया है, बल्कि स्वास्थ्य क्षेत्र में एक नई दिशा भी प्रदान की है।