क्या गुजरात में विदेशियों पर गरबा का जादू चल रहा है?

सारांश
Key Takeaways
- गरबा का आयोजन नवरात्रि के दौरान होता है।
- विदेशी पर्यटक भारतीय परंपराओं का अनुभव कर रहे हैं।
- गरबा में भागीदारी का कोई शुल्क नहीं है।
- गुजरात में गरबा का आयोजन पिछले ५० वर्षों से हो रहा है।
- अथांगा रास और अठगु रास जैसे विशेष प्रदर्शन होते हैं।
वडोदरा, २४ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। गुजरात में नवरात्रि के अवसर पर गरबा खेलने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से लोग आ रहे हैं। भारतीयों के अलावा, यहाँ बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक भी शामिल हो रहे हैं। विदेशी मेहमान पारंपरिक भारतीय वस्त्र पहनकर गरबा उत्सव का आनंद ले रहे हैं।
विदेशी पर्यटकों के लिए यह एक अद्वितीय अनुभव है, जो उन्हें भारतीय संस्कृति और परंपरा को निकटता से समझने का अवसर प्रदान कर रहा है। वडोदरा में मंगलवार को हुए गरबा में विदेशी पर्यटकों ने गुजराती गानों पर थिरक कर उत्सव का आनंद लिया।
वडोदरा में रूस, स्लोवाकिया, दक्षिण अफ्रीका जैसे अनेक देशों से आए पर्यटकों ने गरबा का आनंद लिया।
स्लोवाकिया के एक पर्यटक ने राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा, "भारत की संस्कृति बहुत सुंदर है। मैं पहली बार इस कार्यक्रम में आया हूं। मुझे यहाँ बहुत अच्छा लग रहा है। हम लोगों को यहाँ बेहतरीन आनंद मिल रहा है।"
दक्षिण अफ्रीका के मसुदुबेले मामबोलो ने बताया, "यह कार्यक्रम बहुत अच्छा है, मैंने इससे पहले कभी गरबा नहीं खेला था। इस तरह का गरबा करना बहुत आनंददायक है।"
रूस के अस्कर ने कहा कि हमें भारत आकर बहुत अच्छा लग रहा है। हम सही समय पर आए हैं, इसलिए इस कार्यक्रम का आनंद ले पा रहे हैं।
गुजरात के राजकोट में जंक्शन क्षेत्र में न्यू गरबा मंडल की ओर से भी गरबा का आयोजन किया गया। यहाँ पिछले पांच दशकों से अधिक समय से गरबा का आयोजन हो रहा है। बड़ी संख्या में लोग गरबा में भाग लेने के लिए यहाँ पहुँच रहे हैं।
गुजरात स्टेट बायोटेक्नोलॉजी मिशन, गांधीनगर के आयोजक और मिशन निदेशक, आईएएस दिग्विजयसिंह डी जडेजा ने राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा, "1971 से यहाँ गरबा उत्सव मनाया जा रहा है। इसमें कुल 71 लड़के और लड़कियाँ भाग ले रहे हैं। हमारा अथांगा रास, जो रस्सी पर किया जाता है, बहुत प्रसिद्ध है और इसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। हर साल हम इस कार्यक्रम में नए रास प्रदर्शन जोड़ते हैं।"
उन्होंने बताया कि यहाँ का अठगु रास बहुत प्रसिद्ध है। यहाँ विशेष रूप से कृष्ण लीला पर आधारित रास भी खेला जाता है। आयोजकों द्वारा बेटे-बेटियों से कोई शुल्क नहीं लिया जाता।
नवरात्रि के दौरान जामनगर में विभिन्न स्थानों पर गरबा कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। जामनगर में लड़कियों ने शक्ति स्वरूप रास प्रस्तुत किया। हाथी कॉलोनी एक्सटेंशन, गली-1 में, आशपुरा ग्रुप द्वारा आयोजित गरबा में लड़कियों ने तलवारों के साथ रास प्रस्तुत किया।
दर्शकों ने बताया कि हम यहाँ कई वर्षों से प्राचीन गरबा देखने के लिए आते हैं। हमें बहुत अच्छा लगता है। ये लड़कियाँ पिछले महीने से ही तलवार लेकर तैयारी कर रही हैं। जब ये तलवार रस करते हैं, तो जगदंबा माँ के आशीर्वाद से यह गरबा खेलते हैं।