क्या गुजरात विश्व खेल मानचित्र पर एक नई पहचान बनाने की ओर अग्रसर है?

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क्या गुजरात विश्व खेल मानचित्र पर एक नई पहचान बनाने की ओर अग्रसर है?

सारांश

गुजरात ने कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी का अवसर पाकर न केवल अपनी खेल संस्कृति को सुदृढ़ किया है, बल्कि इसे एक नया पहचान भी दिया है। जानें इस ऐतिहासिक पल के बारे में और कैसे यह राज्य के लिए गर्व का क्षण है।

Key Takeaways

  • गुजरात ने कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी का अवसर प्राप्त किया है।
  • यह उपलब्धि वर्षों की मेहनत और योजना का फल है।
  • खेल संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रम चलाए गए हैं।
  • गुजरात में खिलाड़ियों को सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं।
  • यह उपलब्धि पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है।

राजकोट, 27 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। गुजरात को पहली बार कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी करने का अद्भुत अवसर मिला है। इस सफलता के साथ गुजरात अब विश्व खेल मानचित्र पर एक नई पहचान बनाने की दिशा में बढ़ रहा है।

स्वर्णिम गुजरात स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के उपकुलपति डॉ. अर्जुनसिंह राणा ने मीडिया से संवाद करते हुए कहा कि इस उपलब्धि की नींव कई वर्षों पहले रखी गई थी। उनके अनुसार, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री एवं वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात का नेतृत्व कर रहे थे, तब उन्होंने खेलों के व्यापक विकास का लक्ष्य निर्धारित किया था।

डॉ. राणा ने बताया कि राज्य में खेल संस्कृति को सुदृढ़ करने के लिए 2010 में ‘खेलो गुजरात’ की शुरुआत की गई। इसके परिणामस्वरूप राष्ट्रीय स्तर पर ‘खेलो इंडिया’ के रूप में खेलों को नई दिशा मिली। वर्ष 2022 में गुजरात को बड़े पैमाने पर राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं की मेजबानी का अवसर मिला, जिससे राज्य की क्षमता और विश्वसनीयता को नया आयाम मिला।

उन्होंने कहा कि इन सभी उपलब्धियों ने संकेत दे दिया था कि एक दिन कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी का सपना अवश्य पूरा होगा। आज वह सपना हकीकत बन चुका है। यह उपलब्धि न केवल गुजरात बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है। हम सभी में कितनी खुशी है, इसका वर्णन नहीं कर सकते। इसके लिए हम नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हैं।

उपकुलपति ने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी ने ही 2010 में खेल महाकुंभ में इसकी नींव रखी थी, जो आज 'खेलो इंडिया' के नाम से जानी जा रही है। इतनी दूरगामी सोच हो सकती है, यह हम कभी नहीं सोच सकते थे। ऐसा देखा गया है कि गुजरात में मुख्यमंत्री और खेल मंत्री खेलों को आगे बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं।

उन्होंने कहा कि आज गुजरात के गांवों में खिलाड़ियों को खेलने के लिए निरंतर सुविधाएं दी जा रही हैं, जिससे राज्य में खेलों का आयोजन नियमित रूप से होता रहता है। इसके साथ ही खिलाड़ियों को आधुनिक सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं।

Point of View

बल्कि यह राज्य की खेल संस्कृति को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।
NationPress
27/11/2025

Frequently Asked Questions

गुजरात को कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी का अवसर कब मिला?
गुजरात को यह अवसर 27 नवंबर को मिला।
यह उपलब्धि किसने सुनिश्चित की?
डॉ. अर्जुनसिंह राणा ने बताया कि यह उपलब्धि कई वर्षों की मेहनत का परिणाम है।
गुजरात में खेल संस्कृति को कैसे बढ़ावा दिया गया?
'खेलो गुजरात' और 'खेलो इंडिया' जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से।
इस उपलब्धि का महत्व क्या है?
यह न केवल गुजरात, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है।
गुजरात में खिलाड़ियों को कौन-कौन सी सुविधाएं दी जा रही हैं?
खेलों के आयोजन के साथ-साथ आधुनिक सुविधाएं भी प्रदान की जा रही हैं।
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