क्या गुजरात पुलिस ने एनएएफआईएस की मदद से 80 अपराधिक मामलों को सुलझाने में सफलता पाई?

सारांश
Key Takeaways
- गुजरात पुलिस ने एनएएफआईएस के जरिए 80 अपराधिक मामलों को सुलझाया।
- टेक्नोलॉजी का उपयोग अपराध की पहचान में मदद कर रहा है।
- गुजरात पुलिस भविष्य में और तकनीकी उपायों को अपनाएगी।
- एनएएफआईएस में 1.20 करोड़ अपराधियों का डेटा है।
- स्मार्ट पुलिसिंग से जनता की अपेक्षाएं पूरी हो रही हैं।
गांधीनगर, 23 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। गुजरात पुलिस ने स्मार्ट और पेशेवर पुलिसिंग में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि प्राप्त की है। पुलिस ने राष्ट्रीय स्वचालित फिंगरप्रिंट पहचान प्रणाली (एनएएफआईएस) की सहायता से पिछले 9 महीनों में लगभग 80 गंभीर अपराधिक मामलों को सुलझाया है। यह सफलता गुजरात पुलिस की तकनीक आधारित अपराध निवारण रणनीति को और अधिक मजबूत बनाती है।
राज्य पुलिस प्रमुख विकास सहाय ने कहा कि एनएएफआईएस जैसी अत्याधुनिक तकनीक के उपयोग से अपराधों की पहचान और समाधान की प्रक्रिया पहले से कहीं अधिक तेज, सटीक और विश्वसनीय हो गई है।
उन्होंने यह भी कहा कि हमारे लिए यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि पुलिसिंग न केवल प्रभावी हो, बल्कि जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप पेशेवर और स्मार्ट भी हो। तकनीक का उपयोग करने से अपराधियों की पहचान और उनके खिलाफ कार्रवाई में काफी तेजी आई है।
राष्ट्रीय स्वचालित फिंगरप्रिंट पहचान प्रणाली (एनएएफआईएस) देश की सबसे बड़ी फिंगरप्रिंट डेटाबेस प्रणाली है, जिसमें लगभग 1.20 करोड़ अपराधियों का डेटा है। गुजरात पुलिस इस प्रणाली में सक्रिय रूप से योगदान कर रही है और राज्य के 22 लाख से अधिक अपराधियों के फिंगरप्रिंट इस पोर्टल पर दर्ज हैं।
इस तकनीक का उपयोग विभिन्न गंभीर अपराधों, जैसे कि हत्या, चोरी, लूट और साइबर अपराध की जांच में किया जा रहा है। एनएएफआईएस के माध्यम से गिरफ्तारी के बाद अपराधियों के फिंगरप्रिंट की जांच से यह पता लगाना आसान हो जाता है कि वे अन्य अपराधों में भी शामिल हैं या नहीं।
गुजरात पुलिस की यह पहल यह दर्शाती है कि अब अपराध निवारण केवल परंपरागत तरीकों तक सीमित नहीं रह गया है। टेक्नोलॉजी, डेटाबेस और डिजिटल उपकरणों का उपयोग अपराधियों की पहचान, जांच और गिरफ्तारी की प्रक्रिया को तेजी और सटीकता प्रदान कर रहा है।
विकास सहाय ने आगे कहा कि गुजरात पुलिस भविष्य में और भी अधिक तकनीक आधारित उपायों को अपनाने की योजना बना रही है, ताकि नागरिकों को सुरक्षित और विश्वसनीय पुलिसिंग सेवाएं मिल सकें।