क्या विश्व पोलियो दिवस 2025 बच्चों के सुरक्षित भविष्य के लिए एक वैश्विक मिशन है?

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क्या विश्व पोलियो दिवस 2025 बच्चों के सुरक्षित भविष्य के लिए एक वैश्विक मिशन है?

सारांश

हर साल 24 अक्टूबर को विश्व पोलियो दिवस मनाया जाता है, जो बच्चों के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण मिशन है। यह दिवस पोलियो के प्रति जागरूकता बढ़ाने और बच्चों को बचाने के लिए समर्पित है। पोलियो के खतरों से बचाने के लिए टीकाकरण और जागरूकता आवश्यक है।

Key Takeaways

  • पोलियो बच्चों के लिए एक गंभीर खतरा है।
  • समय पर टीकाकरण आवश्यक है।
  • जागरूकता फैलाना सभी की जिम्मेदारी है।
  • स्वच्छता का ध्यान रखना भी जरूरी है।
  • भारत ने 2014 में पोलियो मुक्त होने की घोषणा की थी।

नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। हर वर्ष 24 अक्टूबर को विश्व पोलियो दिवस मनाया जाता है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य पोलियो के प्रति जागरूकता बढ़ाना और बच्चों को इस खतरनाक बीमारी से बचाना है। पोलियो आमतौर पर पांच साल से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है। यदि समय पर इलाज और टीकाकरण नहीं किया गया, तो यह बीमारी बच्चों को पैरालिसिस यानी लकवा जैसी गंभीर स्थिति में डाल सकती है, जिससे उनके शरीर के कुछ हिस्से काम नहीं कर पाते।

पोलियो एक वायरस से फैलने वाली बीमारी है, जो संक्रमित व्यक्ति के मल, पेशाब या दूषित पानी और भोजन के माध्यम से अन्य बच्चों में पहुंच सकती है। इसके प्रारंभिक लक्षण सामान्य बुखार, सिर दर्द, उल्टी, गर्दन और कमर में अकड़न जैसे साधारण लक्षणों से मेल खाते हैं, इसीलिए पोलियो की पहचान करना कभी-कभी कठिन हो सकता है। यही कारण है कि बच्चों को समय पर पोलियो वैक्सीन देना अत्यंत आवश्यक है।

पोलियो से बचाव के लिए दो प्रकार की टीकाएं उपयोग में लाई जाती हैं। पहली है एक्टिवेटेड पोलियो वैक्सीन, जिसे जन्म के बाद बच्चों को दिया जाता है ताकि भविष्य में पोलियो का खतरा न रहे। दूसरी है ओरल पोलियो वैक्सीन, जो कई देशों में बच्चों को पिलाई जाती है।

भारत में भी छोटे बच्चों को पांच साल की उम्र तक पोलियो की दवा नियमित रूप से दी जाती है। इस प्रयास का उद्देश्य है कि बच्चे बड़े होकर पोलियो जैसी गंभीर बीमारी का सामना न करें और उनका स्वास्थ्य सुरक्षित रहे।

भारत ने पिछले 20 वर्षों में पोलियो उन्मूलन के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। व्यापक टीकाकरण अभियान और सरकारी पहल के चलते भारत 2014 में पोलियो मुक्त घोषित हुआ। हालांकि, पोलियो का खतरा पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है, इसलिए जागरूकता और टीकाकरण अभियान लगातार जारी हैं।

विश्व पोलियो दिवस केवल एक स्मरण दिवस नहीं है, बल्कि यह माता-पिता, स्वास्थ्यकर्मियों और समाज के लिए एक चेतावनी और जिम्मेदारी भी है। यह हमें याद दिलाता है कि बच्चों को पोलियो से बचाने के लिए समय पर वैक्सीन देना, सफाई का ध्यान रखना और सार्वजनिक जागरूकता फैलाना आवश्यक है।

Point of View

लेकिन अभी भी सतर्कता की आवश्यकता है। यह सिर्फ एक स्वास्थ्य मुद्दा नहीं है, बल्कि हमारे बच्चों के भविष्य की सुरक्षा का मामला है। हमें सभी स्तरों पर जागरूकता फैलाने और टीकाकरण अभियान को मजबूत करने की आवश्यकता है।
NationPress
23/10/2025

Frequently Asked Questions

पोलियो क्या है?
पोलियो एक संक्रामक बीमारी है जो वायरस के संक्रमण से होती है, और यह मुख्य रूप से बच्चों को प्रभावित करती है।
पोलियो से कैसे बचा जा सकता है?
पोलियो से बचाव के लिए नियमित टीकाकरण और सफाई का ध्यान रखना आवश्यक है।
भारत में पोलियो की स्थिति क्या है?
भारत ने पोलियो उन्मूलन में सफलता पाई है, लेकिन पूरी तरह से खतरा समाप्त नहीं हुआ है।