क्या सावरकुंडला में गणपति बने लखपति? भक्तों की उमड़ी भीड़

सारांश
Key Takeaways
- गणपति को 25 लाख रुपए के नोटों से सजाया गया।
- सद्भावना ग्रुप पिछले 20 वर्षों से गणेश उत्सव मना रहा है।
- इस बार सजावट में विभिन्न नोटों का उपयोग किया गया।
- इस आयोजन की तैयारी एक महीने पहले शुरू हुई थी।
- स्थानीय विधायक ने भी इस आयोजन में भाग लिया।
अमरेली, 5 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। गुजरात के अमरेली जिले के सावरकुंडला में गणेश महोत्सव की विशेष रौनक देखने को मिली। यहाँ पर सद्भावना ग्रुप द्वारा आयोजित गणपति उत्सव में भगवान गणेश को ‘लखपति’ का रूप दिया गया। गणपति बप्पा को 25 लाख रुपए के नोटों से सजाया गया, जिसे देखने के लिए भक्तों की एक विशाल भीड़ उमड़ पड़ी। यह अनोखी सजावट पूरी गुजरात में चर्चा का विषय बन गई है।
सद्भावना ग्रुप पिछले 20 वर्षों से गणेश उत्सव मनाता आ रहा है, लेकिन यह पहला मौका था जब गणपति को 25 लाख रुपए के नोटों से सजाया गया।
15 साल पहले गणपति-लक्ष्मी की झांकी से शुरू हुआ यह आयोजन अब भव्य रूप धारण कर चुका है। इस बार गणपति को 20, 50, 100, 200 और 500 रुपए के नोटों से सजाया गया। गणपति के सिर पर नोटों का मुकुट, गले में हार, हाथों और चरणों में भी नोटों की सजावट की गई। चार-पांच दिनों की मेहनत के बाद कारीगरों ने इस झांकी को आकर्षक बनाया।
इस विशेष सजावट की तैयारी एक महीने पहले शुरू हो गई थी। आयोजक राजू नागरेचा ने इसे टीम वर्क और उषा मैया के आशीर्वाद का परिणाम बताया।
उन्होंने कहा, “हमारी कोशिश थी कि गणपति की झांकी अनोखी हो और भक्तों को प्रेरणा दे।” गणपति के लखपति रूप को देखकर भक्तों ने शीश नवाया और प्रार्थना की कि जैसे गणपति लखपति बने, वैसे ही हर भक्त की समृद्धि हो।
इस आयोजन में स्थानीय विधायक महेश कसवाला भी शामिल हुए। उन्होंने गणपति-लक्ष्मी के दर्शन किए और भक्तों के लिए समृद्धि की कामना की।
भक्तों का मानना है कि गणपति बप्पा का यह रूप न केवल आकर्षक है, बल्कि यह देश के उज्ज्वल भविष्य की आशा को भी दर्शाता है।
सावरकुंडला का यह गणेश उत्सव पूरे गुजरात में अनोखा है। जहाँ देश और दुनिया में गणेश महोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है, वहीं सावरकुंडला के इस आयोजन ने अपनी अलग पहचान बनाई है।
भक्तों की प्रार्थना है कि गणपति भगवान का आशीर्वाद बना रहे और हर भारतीय समृद्ध बने।