क्या गुजरात विद्यापीठ स्वतंत्रता संग्राम के आदर्शों की पावन भूमि है? राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

सारांश
Key Takeaways
- गुजरात विद्यापीठ स्वतंत्रता संग्राम के आदर्शों का प्रतीक है।
- राष्ट्रपति ने छात्रों को आत्मनिर्भरता के लिए प्रेरित किया।
- शिक्षा सामाजिक पुनर्निर्माण का महत्वपूर्ण माध्यम है।
- स्वरोजगार की संस्कृति को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है।
- राष्ट्रपति ने बापू की अपेक्षाओं की याद दिलाई।
अहमदाबाद, 11 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को अहमदाबाद में गुजरात विद्यापीठ के 71वें दीक्षांत समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि गुजरात विद्यापीठ हमारे स्वतंत्रता संग्राम के आदर्शों की पावन भूमि है।
राष्ट्रपति ने कहा कि गुजरात विद्यापीठ राष्ट्र निर्माण और आत्मनिर्भरता के जीवंत आदर्शों का ऐतिहासिक प्रतीक है। उन्होंने महात्मा गांधी की पावन स्मृति को श्रद्धांजलि अर्पित की।
उन्होंने छात्रों से यह आग्रह किया कि वे इस बात को समझें कि बापू उनसे राष्ट्रीय पहलों में योगदान की अपेक्षा रखते थे। उन्होंने कहा कि बापू की अपेक्षाओं के अनुरूप, उन्हें राष्ट्रीय विकास से संबंधित सभी पहलों में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए। छात्रों को भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लेने की सलाह दी।
राष्ट्रपति ने बताया कि गुजरात में स्वरोजगार की संस्कृति लंबे समय से विद्यमान है। उन्होंने स्वरोजगार और आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित करने वाली गुजरात की संस्कृति को देशभर में फैलाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्हें विश्वास था कि गुजरात विद्यापीठ के छात्र आत्मनिर्भरता की इस संस्कृति के अग्रदूत बनेंगे। उन्होंने कहा कि भारत को आत्मनिर्भर बनाना हमारी राष्ट्रीय प्राथमिकता है और सभी छात्रों से राष्ट्रीय स्वदेशी अभियान में सक्रिय भूमिका निभाने का आग्रह किया।
द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि शिक्षा सामाजिक पुनर्निर्माण का सबसे प्रभावी माध्यम है। उन्होंने गुजरात विद्यापीठ के शिक्षकों और छात्रों को शिक्षा के इस उद्देश्य का उदाहरण प्रस्तुत करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि चरित्र निर्माण और नैतिक मूल्यों का समावेश शिक्षा के मूल उद्देश्य हैं। छात्रों को अपनी शिक्षा को स्थानीय संदर्भों से जोड़कर उसका व्यावहारिक उपयोग करने की आवश्यकता है।
इससे पहले, राष्ट्रपति ने गुजरात के द्वारका स्थित द्वारकाधीश मंदिर में दर्शन और आरती की।
इस अवसर पर छात्रा सरोज गोदानिया ने कहा कि मैं पोरबंदर से हूं। मेरे और मेरे परिवार के लिए यह गर्व का क्षण है। मेहनत के आधार पर राष्ट्रपति के हाथों से हमें पदवी प्रदान की गई है। इससे विद्यापीठ में खुशी का माहौल है। एक अन्य छात्र ने कहा कि आज राष्ट्रपति ने मुझे गोल्ड मेडल दिया। यह मेरे जीवन के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
तीन दिवसीय दौरे के बाद राज्यपाल आचार्य देवव्रत और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अहमदाबाद हवाई अड्डे पर राष्ट्रपति को विदाई दी। वे अपने गुजरात दौरे के तहत गुजरात विद्यापीठ के 71वें दीक्षांत समारोह में भाग लेने के बाद नई दिल्ली के लिए रवाना हुईं।
इस अवसर पर प्रोटोकॉल मंत्री जगदीश विश्वकर्मा, अहमदाबाद शहर की महापौर प्रतिभाबेन जैन, राज्य के मुख्य सचिव पंकज जोशी, पुलिस महानिदेशक विकास सहाय, एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी, मेजर जनरल गौरव बग्गा, अहमदाबाद शहर के पुलिस आयुक्त जीएस मलिक, अहमदाबाद कलेक्टर सुजीत कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।