क्या 'गुलामी' के बाद देशभक्ति की फिल्मों ने जेपी दत्ता को पहचान दिलाई?

सारांश
Key Takeaways
- जेपी दत्ता ने भारतीय सिनेमा में देशभक्ति की भावना को जीवित रखा है।
- उनकी फिल्में न केवल सफल रही हैं, बल्कि दर्शकों को प्रेरित भी करती हैं।
- उनकी अगली फिल्म 'बॉर्डर-2' का बेसब्री से इंतज़ार किया जा रहा है।
नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय फिल्म निर्माता, लेखक और निर्देशक जेपी दत्ता, जिनका असली नाम ज्योति प्रकाश दत्ता है, को उनकी बेहतरीन फिल्मों के लिए जाना जाता है। उन्होंने 'बॉर्डर', 'कारगिल', 'बटवारा', और 'गुलामी' जैसी कई सफल फिल्में दी हैं। 3 अक्टूबर, शुक्रवार को वे अपना 75वां जन्मदिन मनाने जा रहे हैं।
जेपी दत्ता का जन्म 3 अक्टूबर 1949 को मुंबई में हुआ था। उनकी व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन दोनों ही चर्चा का विषय रहे हैं। उनके पिता, ओ.पी. दत्ता, भी एक फिल्म निर्माता और निर्देशक थे, जिनसे प्रेरित होकर जेपी ने फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा।
उनकी पहली फिल्म 'गुलामी' 1985 में रिलीज हुई, जिसमें मिथुन चक्रवर्ती, नसीरुद्दीन शाह, स्मिता पाटिल, और मजहर खान जैसे कलाकारों ने काम किया। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल रही, और इसके बाद जेपी दत्ता ने देशभक्ति से जुड़ी फिल्मों का निर्माण शुरू किया।
उन्होंने 'बॉर्डर', 'एलओसी: कारगिल', 'रिफ्यूजी', और 'पलटन' जैसी फिल्में बनाई, लेकिन 'बॉर्डर' उनके करियर का एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई। इस फिल्म ने 10 करोड़ के बजट में लगभग 40 करोड़ का कलेक्शन किया।
फिल्म की सफलता को देखते हुए, जेपी दत्ता ने 'बॉर्डर-2' बनाने की योजना भी बनाई है, जो 2026 में रिलीज होगी। इस फिल्म में सनी देओल, दिलजीत दोसांझ, और वरुण धवन जैसे सितारे नजर आएंगे।
उनकी व्यक्तिगत जिंदगी भी विवादों में रही है, खासकर एक्ट्रेस बिंदिया गोस्वामी से विवाह को लेकर, जिसमें दोनों ने अपने परिवारों के खिलाफ जाकर गुपचुप शादी की। आज उनके दो बेटियां निधि दत्ता और सिद्धि दत्ता हैं। निधि भी अपने पिता के नक्शेकदम पर चलकर फिल्म 'बॉर्डर-2' में निर्देशक के रूप में काम कर रही हैं।