क्या गुना में आदि कर्मयोगी अभियान के तहत कार्यशाला का आयोजन हुआ?

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क्या गुना में आदि कर्मयोगी अभियान के तहत कार्यशाला का आयोजन हुआ?

सारांश

गुना में आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला का मकसद आदिवासी समुदाय को सशक्त बनाना है। इस पहल के तहत हजारों आदिवासी ग्रामीणों को योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। जानिए इस अभियान के बारे में और क्या कुछ किया जा रहा है।

Key Takeaways

  • गुना में आदि कर्मयोगी अभियान का आयोजन हुआ।
  • इसमें 230 आदिवासी गांवों को शामिल किया गया है।
  • 3000 लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
  • मुख्य उद्देश्य आदिवासियों को सशक्त बनाना है।
  • कार्यशाला का शुभारंभ कलेक्टर ने किया।

गुना, 23 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा प्रायोजित आदि कर्मयोगी अभियान के तहत मध्य प्रदेश के गुना जिले में तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का शुभारंभ कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल और मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत अभिषेक दुबे ने भगवान बिरसा मुंडा की पूजा-अर्चना के साथ किया। 22 अगस्त को प्रशिक्षण का समापन हुआ।

इस अभियान का उद्देश्य देश के 10 करोड़ आदिवासियों को मूलभूत सुविधाएं प्रदान कर उन्हें सशक्त और जागरूक बनाते हुए समाज की मुख्यधारा से जोड़ना है। इसके तहत गुना जिले के 230 आदिवासी बहुल गांवों का चयन किया गया है, जहां लगभग 1 लाख 75 हजार आदिवासी ग्रामीणों को विभिन्न शासकीय योजनाओं का लाभ समन्वित रूप से उपलब्ध कराया जाएगा। इन गांवों में आदि कर्मयोगी तैयार किए जाएंगे।

आदिम जाति कल्याण विभाग में जिला संयोजक और प्रशिक्षण नोडल अधिकारी बी. सिसोदिया ने कहा, "यह अभियान आदिवासी समुदाय को सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इस पहल के तहत राज्य से ग्राम स्तर तक के कर्मयोगियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। हमारे जिले के 6 मास्टर ट्रेनरों ने राज्य स्तर पर प्रशिक्षण लिया है, जो 30 लोगों को ट्रेनिंग देंगे। यह सभी 30 लोग ग्राम स्तर पर जाकर प्रशिक्षित करेंगे। हम 230 गांवों में 3000 लोगों को प्रशिक्षित कर उन्हें योजनाओं का लाभ दिलाने को प्रतिबद्ध हैं।"

स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत आभा सक्सेना ने कहा, "पीएम मोदी का विजन है कि 2047 तक जनजातीय समुदाय को सभी योजनाओं का लाभ मिले और वह भी मुख्यधारा से जुड़ पाएं। तीन दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया, जिसमें हम लोग भी शामिल हुए। हमारा काम आगे जाकर और भी लोगों को ट्रेनिंग देना है।"

आदि कर्मयोगी अभियान को लेकर दीपक अग्रवाल ने कहा, "आदि कर्मयोगी अभियान के तहत हमें यह जिम्मेदारी मिली है कि हम गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक करेंगे और योजनाओं का लाभ पहुंचाने में सहयोग करेंगे।"

महिला एवं बाल विकास विभाग में असिस्टेंट डायरेक्टर दिनेश चंदेल ने मीडिया से बातचीत में बताया कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य जनजाति समुदाय को जागरूक करना है। साथ ही पूरे देश में 20 लाख से अधिक आदि कर्मयोगियों को तैयार करना है, ताकि वे जनजाति समुदाय से जुड़े लोगों को योजनाओं का लाभ दिला सकें।

उन्होंने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य देश के 10 करोड़ आदिवासियों को मूलभूत सुविधाएं प्रदान कर उन्हें सशक्त और जागरूक बनाते हुए समाज की मुख्यधारा से जोड़ना है।

Point of View

जो कि हमारे देश के समग्र विकास के लिए आवश्यक है।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

आदि कर्मयोगी अभियान का उद्देश्य क्या है?
इस अभियान का उद्देश्य आदिवासी समुदाय को सशक्त बनाना और उन्हें मूलभूत सुविधाएं प्रदान करना है।
इस अभियान के तहत कितने गांवों का चयन किया गया है?
गुना जिले में 230 आदिवासी बहुल गांवों का चयन किया गया है।
कार्यशाला का आयोजन कब हुआ?
यह कार्यशाला 23 अगस्त को शुरू हुई और 22 अगस्त को समापन हुआ।
इस अभियान के तहत कितने लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा?
इस अभियान के तहत 3000 लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य क्या है?
मुख्य उद्देश्य आदिवासी समुदाय को जागरूक करना और योजनाओं का लाभ दिलाना है।