क्या गुरु नानक जयंती पर सिख जत्थे को पाकिस्तान जाने की अनुमति मिली है?

सारांश
Key Takeaways
- गुरु नानक देव जी का 555वां प्रकाश पर्व 5 नवंबर को मनाया जाएगा।
- यात्रा के लिए सुरक्षा के कई सख्त कदम उठाए गए हैं।
- केवल मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों के आवेदनों को स्वीकार किया जाएगा।
- गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब का महत्व विशेष है।
- सरकार ने सिख समुदाय के धार्मिक अधिकारों को मान्यता दी है।
नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत सरकार ने सिख श्रद्धालुओं को पाकिस्तान जाकर गुरु नानक देव जी के 555वें प्रकाश पर्व में शामिल होने की औपचारिक अनुमति प्रदान की है। यह पर्व 5 नवंबर को मनाया जाएगा, जिसमें एक विशेष जत्था पाकिस्तान जाएगा और वहां के ऐतिहासिक गुरुद्वारों में माथा टेककर धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेगा।
इस निर्णय को धार्मिक भावनाओं के साथ-साथ सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पहलगाम आतंकी हमले और इसके बाद भारत की 'ऑपरेशन सिंदूर' जैसी कड़ी कार्रवाई के चलते भारत-पाकिस्तान संबंधों में तनाव बना हुआ है। इन्हीं कारणों से इस यात्रा को कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया गया था। अब केंद्र सरकार ने श्रद्धालुओं को अनुमति दी है, लेकिन सुरक्षा के मद्देनजर कई सख्त शर्तें भी लागू की गई हैं।
गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, यह अनुमति केवल उन्हीं श्रद्धालुओं को दी जाएगी, जिनका आवेदन मान्यता प्राप्त सिख धार्मिक संगठनों द्वारा प्रायोजित होगा। किसी भी व्यक्तिगत या गैर-संगठित आवेदन को स्वीकार नहीं किया जाएगा। राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश दिए गए हैं कि वे केवल वैध और सत्यापित आवेदन ही केंद्र सरकार को भेजें।
इसके अतिरिक्त, गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि 22 अक्टूबर तक सभी आवेदनों की अंतिम स्थिति जमा करवानी होगी। मंत्रालय ने सभी संबंधित धार्मिक समितियों और संगठनों से अनुरोध किया है कि वे इस प्रक्रिया को समय पर पूरा करें, ताकि किसी भी श्रद्धालु को कठिनाई न हो और यात्रा सुरक्षित और सुचारू रूप से संपन्न हो सके।
इस यात्रा का सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव होगा गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब, जहां गुरु नानक देव जी ने अपने जीवन के अंतिम वर्ष बिताए थे। यह स्थान सिख समुदाय के लिए अत्यंत पावन और भावनात्मक महत्व रखता है।
सरकार के इस फैसले से सिख समुदाय में खुशी का माहौल है, लेकिन साथ ही सुरक्षा को लेकर सतर्कता बरती जा रही है।