क्या गुरु परंपरा ने भारत को त्याग और बलिदान का संदेश दिया? : सीएम योगी

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क्या गुरु परंपरा ने भारत को त्याग और बलिदान का संदेश दिया? : सीएम योगी

सारांश

लखनऊ में आयोजित 'चरण सुहावे गुरु चरण यात्रा' के स्वागत समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सिख परंपरा की महानता पर प्रकाश डाला। यह यात्रा आस्था का प्रतीक है और सिख गुरुओं के बलिदान को याद करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।

Key Takeaways

  • गुरु परंपरा ने भारत को सेवा और बलिदान का आदर्श दिया है।
  • मुख्यमंत्री ने सिख समुदाय की महानता को सराहा।
  • यात्रा का उद्देश्य राष्ट्र की रक्षा और आध्यात्मिक जागरण है।
  • गुरुद्वारे का सम्मान और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है।
  • यह यात्रा गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान की याद दिलाती है।

लखनऊ, 28 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। सिख समुदाय की आस्था का प्रतीक 'चरण सुहावे गुरु चरण यात्रा' के पवित्र जोड़ा साहिब का लखनऊ में भव्य स्वागत किया गया। यह यात्रा सिख समुदाय के दसवें गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह जी और माता साहिब कौर के पवित्र जोड़ा साहिब से जुड़ी है, जो सिख आस्था का एक अत्यंत पवित्र प्रतीक मानी जाती है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु परंपरा ने भारत को केवल आस्था ही नहीं, बल्कि राष्ट्र की रक्षा, सेवा और बलिदान का आदर्श भी प्रदान किया है।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस विरासत को अक्षुण्ण बनाए रखें और इसे आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाएं। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी उपस्थित रहे। लखनऊ के यहियागंज गुरुद्वारे में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवाणी सुनी और यात्रा सदस्यों को पटुका पहनाकर सम्मानित किया। गुरुद्वारा कमेटी ने मुख्यमंत्री को अंग वस्त्र और स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका स्वागत किया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारी परंपरा में कहा गया है, 'जिथे जाए बहे मेरा सतगुरु, सो थान सुहावा राम राजे.' अर्थात जहां भी गुरु महाराज के पावन चरण पड़ते हैं, वह स्थान रामराज्य की तरह पवित्र और पुण्यभूमि बन जाता है।

उन्होंने कहा कि यह यात्रा हमें उस गौरवशाली गुरु परंपरा से जोड़ती है, जिसने भारत की संस्कृति, साहस और बलिदान की भावना को नई दिशा दी। सीएम योगी ने केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी की उपस्थिति के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह यात्रा गुरु तेग बहादुर जी महाराज के 350वें शहीदी दिवस के अवसर पर प्रारंभ हुई है। यह केवल श्रद्धा की यात्रा नहीं, बल्कि त्याग, बलिदान और राष्ट्र समर्पण का प्रेरणादायक सफर है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सिख गुरुओं का भारत की सनातन परंपरा में योगदान अविस्मरणीय है। गुरु नानक देव से लेकर गुरु गोविंद सिंह और उनके चार साहिबजादों ने जिस प्रकार धर्म, देश और मानवता की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया, वह भारत के इतिहास को नई प्रेरणा देता है।

सीएम योगी ने बताया कि लगभग ढाई सौ वर्षों से गुरु महाराज के पावन चरण पादुकाएं, जो पहले अखंड भारत के हिस्से पाकिस्तान में थीं, अब पटना साहिब में स्थापित की जा रही हैं। दिल्ली से शुरू हुई यह यात्रा पूरे देश में गुरु परंपरा के प्रति सम्मान और गौरव का भाव जागरूक कर रही है।

उन्होंने कहा कि लखनऊ का यहियागंज गुरुद्वारा विशेष है क्योंकि गुरु तेग बहादुर और गुरु गोविंद सिंह की स्मृतियां इस स्थान से जुड़ी हैं। यह गुरुद्वारा हमारी साझा आस्था और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है।

सीएम योगी ने सिख समुदाय के प्रति आदर व्यक्त करते हुए कहा कि गुरु परंपरा ने भारत को केवल आस्था नहीं, बल्कि राष्ट्र की रक्षा, सेवा और बलिदान का आदर्श भी दिया है।

उन्होंने कहा कि हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस विरासत को अक्षुण्ण रखें और आने वाली पीढ़ियों तक इसकी प्रेरणा पहुंचाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिख समाज की यह यात्रा केवल अतीत की स्मृति नहीं, बल्कि वर्तमान और भविष्य के लिए मार्गदर्शन है।

उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि वे इस 'गुरु चरण यात्रा' को राष्ट्रीय एकता और आध्यात्मिक जागरण के संदेश के रूप में आगे बढ़ाएं।

Point of View

बल्कि राष्ट्रीय एकता और बलिदान की भावना में भी है।
NationPress
28/10/2025

Frequently Asked Questions

गुरु चरण यात्रा का उद्देश्य क्या है?
गुरु चरण यात्रा का उद्देश्य सिख परंपरा और गुरु महाराज के बलिदान को याद करना है।
इस यात्रा में कौन-कौन शामिल हुआ?
इस यात्रा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी शामिल हुए।
गुरु परंपरा का भारत में क्या महत्व है?
गुरु परंपरा ने भारत को सेवा, बलिदान और राष्ट्र की रक्षा का आदर्श दिया है।
क्या यह यात्रा केवल श्रद्धा का प्रतीक है?
नहीं, यह यात्रा त्याग, बलिदान और राष्ट्र समर्पण की प्रेरणा भी देती है।
गुरु तेग बहादुर जी का शहीदी दिवस कब है?
गुरु तेग बहादुर जी का 350वां शहीदी दिवस इस यात्रा के अवसर पर मनाया गया।