क्या हरियाणा विधानसभा में मुख्यमंत्री ने गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस पर महत्वपूर्ण बातें साझा की?
सारांश
Key Takeaways
- गुरु तेग बहादुर जी का 350वां बलिदान दिवस एक ऐतिहासिक अवसर है।
- मुख्यमंत्री ने इस दिन के महत्व को बताया।
- सर्वदलीय बैठक में शहीदी वर्ष मनाने का निर्णय लिया गया।
- प्रधानमंत्री ने कुरुक्षेत्र में शिरकत की।
- सरकार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की मदद के लिए सक्रिय है।
चंडीगढ़, १८ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने गुरु तेग बहादुर जी के ३५०वें बलिदान दिवस के अवसर पर विधानसभा में प्रस्तुत किए गए प्रस्ताव पर अपनी बात रखी। उन्होंने इस दिन को एक ऐतिहासिक और सम्मानजनक बताते हुए कहा कि इस दिन पूरे राज्य ने अपने साहसी और धार्मिक गुरुओं की कुर्बानियों को याद किया।
मुख्यमंत्री ने कहा, “गुरुजी ने अधर्म और अन्याय के सामने कभी भी झुकने को नहीं माना। उनके बलिदान ने हमें धर्म, स्वतंत्रता और मानवता के लिए लड़ने की प्रेरणा दी।”
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि जब इस प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हुई थी, तो पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने इसे सर्वसम्मति से पारित करने की बात कही थी। इसके बाद एक सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने शहीदी वर्ष को भव्य तरीके से मनाने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
उन्होंने बताया कि इस अवसर पर हरियाणा में गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को अग्रणी भूमिका निभाने का निर्णय लिया गया और सरकार ने सहायक भूमिका निभाई।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा, “गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान के समय देशवासियों ने जो कष्ट और यातनाएं झेली, उसे हमारे गुरुओं ने अपने बलिदान से दूर किया।” उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि राज्य के २० जिलों में यात्राएं आयोजित की गईं, जिनमें लाखों श्रद्धालु गुरु जी की शहादत को याद करने के लिए कुरुक्षेत्र में एकत्रित हुए।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री ने अयोध्या के कार्यक्रम से समय निकालकर कुरुक्षेत्र में शिरकत की थी। प्रधानमंत्री का यह कदम गुरु तेग बहादुर जी की शहादत को सम्मान के रूप में देखा गया। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को धन्यवाद पत्र भेजने का सुझाव भी दिया, जिसे विधानसभा ने सर्वसम्मति से पारित किया।
अंत में, मुख्यमंत्री ने इस विषय को महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक बताया और कहा कि राज्य सरकार हमेशा गुरु साहिबान की शिक्षाओं का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध रहेगी।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री नायब सैनी ने विधानसभा में जानकारी दी कि सरकार बाढ़ प्रभावित इलाकों के हालात पर गंभीरता से विचार कर रही है। उन्होंने स्वयं प्रभावित इलाकों का दौरा किया और किसानों से बातचीत की।
बाढ़ के कारण खेतों में जमा रेत हटाने के लिए सरकार ने टीमें तैनात की हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यदि किसी खेत में रेत जमा हो गई है, तो उसे हटाने की इजाजत दी जाएगी। हालांकि, यह पाया गया कि रेत का जमाव ज्यादा नहीं था।