क्या गुरु तेग बहादुर जी का 350वां शहादत दिवस पूरी श्रद्धा के साथ मनाया जाएगा?

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क्या गुरु तेग बहादुर जी का 350वां शहादत दिवस पूरी श्रद्धा के साथ मनाया जाएगा?

सारांश

गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहादत दिवस को मनाने हेतु महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विशेष रेलगाड़ियां चलाने के साथ-साथ उनके बलिदान की कहानियों को साझा करने के सुझाव दिए गए हैं।

Key Takeaways

  • गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान को श्रद्धांजलि देने हेतु कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।
  • विशेष रेलगाड़ियां चलाने पर चर्चा की गई।
  • नई पीढ़ी को गुरु जी की शिक्षाओं से अवगत कराने का उद्देश्य।

नई दिल्ली, 12 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर स्थित डीआरएम कार्यालय में शुक्रवार को नवनियुक्त रेलवे सदस्यों की एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन हुआ। इस बैठक में शताब्दी वर्ष के अवसर पर विभिन्न स्थानों से विशेष स्मृति रेलगाड़ियां चलाने पर चर्चा की गई।

बैठक के बाद, नॉर्दर्न रेलवे बोर्ड के सदस्य सरदार कुलविंदर सिंह ने आईएनएस से बातचीत करते हुए कहा कि उनका मुख्य ध्येय सिखों के नौवें गुरु, श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहादत दिवस को पूर्ण श्रद्धा के साथ मनाना है।

उन्होंने बताया कि नई पीढ़ी को गुरु साहिब की शिक्षाओं और उनके अद्वितीय बलिदान से परिचित कराना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि उन्होंने धार्मिक स्वतंत्रता के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया था।

कुलविंदर सिंह ने कहा कि वह जल्द ही केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू, और रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों से मिलकर कई महत्वपूर्ण सुझाव साझा करेंगे।

उन्होंने सुझाव दिया कि गुरु तेग बहादुर जी के जीवन से संबंधित कहानियों और उनके श्लोकों को देशभर के सभी रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में प्रदर्शित किया जाए। इस शताब्दी वर्ष के अवसर पर विभिन्न स्थानों से विशेष स्मृति रेलगाड़ियां चलाई जाएं।

कुलविंदर ने कहा कि हरियाणा, पटना और हजूर साहिब के सभी रेलवे स्टेशनों पर पंजाबी भाषा में साइन बोर्ड लगाए जाने चाहिए ताकि सिख तीर्थयात्रियों को सुविधा हो। सचखंड एक्सप्रेस जैसी महत्वपूर्ण ट्रेनों में स्वच्छता और स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने की आवश्यकता है।

इसके अतिरिक्त, ट्रेनों में लंगर (सामुदायिक भोजन) की व्यवस्था की जानी चाहिए। सभी तीर्थ यात्रा ट्रेनों की सुविधाओं में सुधार किया जाना चाहिए।

कुलविंदर ने कहा कि इन सुझावों का उद्देश्य गुरु तेग बहादुर जी के महान बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित करना और उनकी शिक्षाओं को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाना है, साथ ही तीर्थस्थलों तक की रेल यात्रा को और भी आरामदायक बनाना है।

पंजाब में बाढ़ की स्थिति पर उन्होंने कहा कि बाढ़ का पानी कम होने पर चर्चा की जाएगी। फिलहाल कोई चर्चा नहीं हुई है; अगली बैठक में इस पर विचार किया जाएगा।

गुरु श्री गुरु तेग बहादुर जी सिख धर्म के नौवें गुरु थे, जो अपनी बहादुरी और आध्यात्मिक ज्ञान के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने औरंगजेब के शासनकाल में धर्म की स्वतंत्रता के लिए अपना बलिदान दिया, खासकर कश्मीरी पंडितों के जबरन धर्मांतरण का विरोध करते हुए। उनकी शिक्षाएं समानता, न्याय और मानवता की रक्षा पर केंद्रित हैं, और उनके सम्मान में दिल्ली के चांदनी चौक में गुरुद्वारा शीशगंज साहिब का निर्माण किया गया है।

Point of View

बल्कि समस्त भारतीय संस्कृति के लिए महत्वपूर्ण है। यह आवश्यक है कि हम उनके बलिदान और शिक्षाओं को याद रखें और नई पीढ़ी को सही जानकारी दें।
NationPress
12/09/2025

Frequently Asked Questions

गुरु तेग बहादुर जी का शहादत दिवस कब मनाया जाएगा?
गुरु तेग बहादुर जी का 350वां शहादत दिवस इस वर्ष मनाया जाएगा।
सरदार कुलविंदर सिंह ने क्या सुझाव दिए?
उन्होंने गुरु जी की कहानियों और श्लोकों को रेलवे स्टेशनों पर प्रदर्शित करने का सुझाव दिया।