क्या पिता ने समाज के ताने से परेशान होकर टेनिस खिलाड़ी राधिका को मौत के घाट उतार दिया?

सारांश
Key Takeaways
- समाज का दबाव मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डाल सकता है।
- परिवार में संवाद की कमी गंभीर परिणाम ला सकती है।
- युवाओं के लिए खेल का महत्व और सुरक्षा सुनिश्चित करना चाहिए।
- पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की है, लेकिन समाज में जागरूकता की आवश्यकता है।
- यह घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि कहां गलती हुई।
गुरुग्राम, 10 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। हरियाणा के गुरुग्राम में टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की हत्या के मामले में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पुलिस के मुताबिक, उसके पिता ने उसे सिर्फ इस कारण से मार डाला क्योंकि समाज उन्हें "बेटी की कमाई खाने" का ताना देता था।
गुरुग्राम पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के अनुसार, पिछले कुछ दिनों में कुछ लोग लगातार आरोपी को "बेटी की कमाई खाने" का तानाकुलदीप यादव ने पुलिस को बताया कि आरोपी और वह एक ही मकान में रहते हैं और दोनों घर को किराए पर देने का काम करते हैं। उन्होंने बताया, "मैं घर पर ही था। सुबह करीब 10:30 बजे एक धमाके की आवाज सुनाई दी। मैं आवाज सुनकर फर्स्ट फ्लोर पर पहुंचा, जहां मेरी भतीजी राधिका यादव रसोई में पड़ी हुई थी और रिवॉल्वर ड्राइंग रूम में थी।
"उसके बाद मेरा बेटा पीयूष यादव भी आया और हम दोनों ने राधिका को अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मेरी भतीजी को गोली लगी हुई थी। वह टेनिस की खिलाड़ी थी, जिसने कई बार ट्रॉफी जीती थी। मैं हैरान हूं कि उसकी हत्या क्यों की गई? जब मैं फर्स्ट फ्लोर पर गया था, उस समय मेरे भाई दीपक, मेरी भाभी मंजू यादव मौके पर मौजूद थे। मेरा भतीजा धीरज यादव घटनास्थल पर नहीं था। मेरे भाई दीपक के पास लाइसेंसी .32 बोर की रिवॉल्वर है।"
सूचना मिलने पर पुलिस ने जांच की। टीम ने वारदात में इस्तेमाल रिवॉल्वर के फिंगर प्रिंट लिए। फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट ने चेक किया तो रिवॉल्वर के अंदर पांच खोखे थे और एक जिंदा कारतूस था। पुलिस ने आरोपी दीपक यादव से पूछताछ की तो उसने बताया कि उनकी बेटी राधिका टेनिस की प्लेयर थी और नेशनल तक खेली थी, और काफी ट्रॉफी जीतकर ला चुकी है। कंधों में इंजरी होने के कारण वह कुछ समय से नहीं खेल रही थी। उसने टेनिस अकादमी खोल रखी थी, जहां वह बच्चों को कोचिंग देती थी।
आरोपी पिता ने पुलिस को बताया कि जब वह गांव में दूध लेने के लिए वजीराबाद जाते थे तो लोग कहते थे कि 'आप अपनी लड़की की कमाई खाते हो', जिससे वह काफी परेशान थे। उन्होंने कहा, "लोग मेरी बेटी के चरित्र पर उंगली उठाते थे। इस पर मैंने बेटी से कहा कि वह टेनिस अकादमी बंद कर दे, लेकिन उसने मना कर दिया। मेरे दिमाग में यही टेंशन रहती थी, जो मेरे मान-सम्मान को ठेस पहुंचाती थी।"
दीपक यादव ने बताया कि इसी टेंशन में उसने अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से अपनी बेटी को पीछे से तीन गोली मार दी। घटना के दौरान राधिका रसोई में खाना बना रही थी। पिता ने बेटी की हत्या की बात स्वीकार कर ली है। मौके पर मौजूद आरोपी की पत्नी मंजू यादव ने अपना बयान नहीं दर्ज कराया। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।