क्या वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के निरीक्षण में गुरुग्राम में खामियां मिलीं?
सारांश
Key Takeaways
- गुरुग्राम में 125 सड़क हिस्सों का निरीक्षण किया गया।
- 34 हिस्सों में धूल का स्तर अत्यधिक पाया गया।
- खुले में जलाने और कचरे का जमाव एक गंभीर मुद्दा है।
- सड़क रखरखाव में सुधार की आवश्यकता है।
- सामुदायिक प्रयासों की जरूरत है।
नई दिल्ली, 27 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली-एनसीआर में वर्तमान ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के अंतर्गत ऑपरेशन क्लीन एयर-सीएक्यूएम द्वारा निरंतर निगरानी की जा रही है। एनसीआर और आस-पास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने गुरुग्राम में नगर निगम द्वारा बनाये गए सड़क हिस्सों की सफाई और रखरखाव कार्यों की समीक्षा के लिए एक व्यापक निरीक्षण अभियान का आयोजन किया।
यह निरीक्षण 'ऑपरेशन क्लीन एयर' के तहत किया गया था, जिसका उद्देश्य धूल को कम करने के उपायों की जांच करना और सड़क की धूल, म्युनिसिपल सॉलिड वेस्ट, कंस्ट्रक्शन और डिमोलिशन कचरे के जमाव तथा खुले में जलाने जैसी समस्याओं की पहचान करना था।
इसमें कुल 17 निरीक्षण टीमें शामिल की गईं, जिनमें हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की 15 टीमें और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की 2 टीमें शामिल थीं। आयोग ने गुरुग्राम में एमसीजी के अधिकार क्षेत्र में 125 सड़क हिस्सों के निरीक्षण के लिए निर्देशित किया। निरीक्षण टीमों ने जियो-टैग और टाइम-स्टैम्प्ड फोटोग्राफिक दस्तावेज़ एकत्रित किया और समेकित निरीक्षण रिपोर्ट के हिस्से के रूप में आयोग को प्रस्तुत किया।
निरीक्षण के नतीजों से यह स्पष्ट हुआ कि निरीक्षण किए गए 125 सड़क हिस्सों में से 34 हिस्सों में धूल का स्तर अत्यधिक था, 58 हिस्सों में मध्यम धूल थी, 29 हिस्सों में धूल की तीव्रता कम थी, जबकि केवल 4 हिस्सों में कोई धूल दिखाई नहीं दी।
धूल वाले कई हिस्सों में एमएसडब्ल्यू और सी एंड डी कचरे का भी जमाव पाया गया, साथ ही खुले में जलाने के मामलों ने यह स्पष्ट किया कि नियमित सड़क रखरखाव, कचरा प्रबंधन और फील्ड स्तर पर लागू करने में गंभीर कमियां हैं।
गुरुग्राम के विभिन्न वार्डों और सेक्टरों में कई सड़क हिस्सों, जिनमें आवासीय कॉलोनियां और मुख्य सड़कें शामिल हैं, में लगातार धूल जमा होने और कचरा फेंकने की समस्याएं पाई गईं। कई हिस्सों में खुले में जलाने और बिना प्रबंधन किए गए कचरे की मौजूदगी ने धूल की स्थिति को और खराब कर दिया, जिससे संबंधित एजेंसी द्वारा तत्काल सुधारात्मक उपायों और कड़ी निगरानी की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
आयोग ने पाया कि कुल मिलाकर निरीक्षण के नतीजे एमसीजी द्वारा ऑन-ग्राउंड ऑपरेशंस को मजबूत करने की आवश्यकता को दर्शाते हैं। इसके साथ ही, मैकेनिकल स्वीपिंग, एकत्र की गई धूल और कचरे का समय पर उठाना और वैज्ञानिक तरीके से निपटारा, सक्रिय रूप से पानी का छिड़काव, धूल कम करने के उपाय, और खुले में जलाने पर सख्त रोक की आवश्यकता है।
आयोग ने जोर दिया कि सड़कों की स्थिति में स्पष्ट सुधार सुनिश्चित करने और धूल व कचरे के पुनः जमाव को रोकने के लिए लगातार और केंद्रित प्रयास जरूरी हैं।