क्या भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार बने इंटरनेशनल आईडीईए के अध्यक्ष?

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क्या भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार बने इंटरनेशनल आईडीईए के अध्यक्ष?

सारांश

भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने स्वीडन में इंटरनेशनल आईडीईए के अध्यक्ष का पद संभाला है। यह पद भारत को 2026 के लिए मिला है, जो भारतीय लोकतंत्र को विश्व स्तर पर प्रदर्शित करेगा। जानिए इस महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में और क्या है इसका वैश्विक महत्व।

Key Takeaways

  • भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने इंटरनेशनल आईडीईए के अध्यक्ष का पद संभाला।
  • इस पद का जिम्मा भारत को 2026 के लिए मिला है।
  • भारत में 90 करोड़ से अधिक मतदाता हैं।
  • इंटरनेशनल आईडीईए के कार्य का केंद्र समावेशिता, शांति, और टिकाऊपन रहेगा।
  • भारत अपनी लोकतांत्रिक मूल्यों को दुनिया के साथ साझा करेगा।

स्टॉकहोम (स्वीडन), 4 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने गुरुवार को स्वीडन के स्टॉकहोम में अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र संस्था ‘इंटरनेशनल आईडीईए’ के सदस्य देशों की परिषद के अध्यक्ष का कार्यभार ग्रहण किया।

यह जिम्मेदारी भारत को साल 2026 के लिए मिली है। इसके साथ ही, उन्होंने स्वीडिश इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स में ‘भारत के लोकतंत्र के अंदर’ विषय पर एक विशेष गोलमेज चर्चा को संबोधित किया।

अपने स्वीकृति भाषण में, ज्ञानेश कुमार ने दुनिया को भारत के लोकतंत्र की ताकत की याद दिलाई। उन्होंने बताया कि भारत में 28 राज्यों और 8 केंद्रशासित प्रदेशों के साथ 90 करोड़ से अधिक मतदाता हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव में 743 राजनीतिक दलों के 20 हजार से अधिक उम्मीदवार मैदान में होंगे। आजादी के बाद से अब तक देश में 18 लोकसभा और 400 से अधिक विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। उन्होंने गर्व से कहा कि भारत न केवल दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, बल्कि यह सबसे विविध और सबको साथ लेकर चलने वाला लोकतंत्र भी है। भारत अपनी हजारों साल पुरानी सभ्यता में बसे लोकतांत्रिक मूल्यों को भी दुनिया के साथ साझा करना चाहता है।

ज्ञानेश कुमार ने यह वादा किया कि भारत की अध्यक्षता में इंटरनेशनल आईडीईए का कार्य तीन मुख्य बिंदुओं पर केंद्रित रहेगा: हर वोट और हर आवाज को महत्व देना, भविष्य के लिए लोकतंत्र की नई कल्पना करना, और स्वतंत्र व पेशेवर चुनाव प्रबंधन संस्थाओं को मजबूत करना। उनकी थीम है “सबको साथ लेकर चलने वाली, शांतिपूर्ण, मजबूत और टिकाऊ दुनिया के लिए लोकतंत्र।” उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत की अध्यक्षता केवल बातों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि निर्णय लेने और कार्रवाई करने वाली होगी।

इससे पहले, स्वीडन की पूर्व विदेश मंत्री एन लिंडे के साथ गोलमेज चर्चा में भी सीईसी ने भारत के चुनावी अनुभव साझा किए। स्टॉकहोम पहुंचने पर, स्वीडन में भारतीय राजदूत अनुराग भूषण ने उनका स्वागत किया। उन्होंने इंटरनेशनल आईडीईए के महासचिव डॉ. केविन कैसस-ज़मोरा के साथ भी विस्तार से बातचीत की। भारत इस संस्था का संस्थापक सदस्य रहा है और अब अध्यक्ष बनकर उसकी जिम्मेदारी बढ़ गई है। साल 2026 में मॉरिशस और मेक्सिको उपाध्यक्ष की भूमिका निभाएंगे।

भारत की इस नई भूमिका से दुनिया भर में भारतीय लोकतंत्र की चमक और बढ़ेगी। ज्ञानेश कुमार ने अपने भाषण का अंत यह कहकर किया, “हम यह सुनिश्चित करेंगे कि दुनिया का हर लोकतंत्र ज्यादा समावेशी, शांतिपूर्ण और टिकाऊ बने।”

Point of View

न केवल भारत के लोकतंत्र को वैश्विक मान्यता दिलाता है, बल्कि यह आधुनिक लोकतांत्रिक मूल्यों को भी विश्व मंच पर स्थापित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह कदम हमें एक समावेशी और टिकाऊ लोकतंत्र की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

ज्ञानेश कुमार कौन हैं?
ज्ञानेश कुमार भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त हैं, जिन्होंने हाल ही में इंटरनेशनल आईडीईए के अध्यक्ष का पद संभाला है।
इंटरनेशनल आईडीईए क्या है?
इंटरनेशनल आईडीईए एक अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र संस्था है जो लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देती है।
भारत की इस नई भूमिका का महत्व क्या है?
भारत की इस नई भूमिका से भारतीय लोकतंत्र की वैश्विक पहचान बढ़ेगी और यह अन्य देशों के लिए एक उदाहरण बनेगा।
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