क्या बंगाल और अन्य राज्यों में एसआईआर पर जल्द निर्णय लेंगे ज्ञानेश कुमार?

सारांश
Key Takeaways
- ज्ञानेश कुमार ने एसआईआर की प्रक्रिया पर बात की।
- केवल भारतीय नागरिकों को मतदान का अधिकार है।
- एसआईआर की जांच 30 सितंबर तक पूरी की जाएगी।
- फॉर्म 7 और शपथ पत्र लोक प्रतिनिधित्व कानून के तहत मांगे जा रहे हैं।
- शिकायत दर्ज करने का तरीका भी स्पष्ट किया गया।
नई दिल्ली, 17 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने पश्चिम बंगाल और अन्य भारतीय राज्यों में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की घोषणा पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि तीनों चुनाव आयुक्त मिलकर सही समय पर इस मामले में निर्णय लेंगे।
ज्ञानेश कुमार ने स्पष्ट किया, "पश्चिम बंगाल के एसआईआर की तारीख के संदर्भ में, हम तीनों कमिश्नर सही समय देखकर निर्णय लेंगे। चाहे वह पश्चिम बंगाल हो या अन्य राज्य, जल्द ही इस विषय में तारीखों की घोषणा की जाएगी।"
उन्होंने बांग्लादेश और अन्य विदेशी नागरिकों द्वारा मतदान के मुद्दे पर भी अपनी स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा, "मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि भारत के संविधान के अनुसार, केवल भारतीय नागरिक ही विधायक और सांसद का चुनाव कर सकते हैं। अन्य देशों के नागरिकों को यह अधिकार नहीं है। यदि ऐसे लोगों ने गणना फॉर्म भरा है, तो एसआईआर की प्रक्रिया में उनकी पात्रता साबित करने के लिए दस्तावेज मांगे गए हैं, जिनकी 30 सितंबर तक पूरी जांच होगी। ऐसे मामलों में, गहन जांच के दौरान यह स्पष्ट होगा कि वे हमारे देश के नागरिक नहीं हैं और उनका वोट नहीं बनेगा।"
मुख्य चुनाव आयुक्त ने फॉर्म 7 और शपथ पत्र से संबंधित सवालों का जवाब देते हुए कहा, "कुछ लोगों से फॉर्म 7 और कुछ से शपथ पत्र मांगने का कारण यह है कि लोक प्रतिनिधित्व कानून सभी के लिए समान है। यदि आप उस निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचक हैं, तो आपको समय पर शिकायत करने का पूरा अवसर मिलता है।"
उन्होंने कहा, "निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी को आपको शपथ देनी होगी, और यह शपथ उस व्यक्ति के सामने ले जानी होगी जिसके खिलाफ आपकी शिकायत है। यह कानून सभी पर समान रूप से लागू होता है।"