क्या हमारा लक्ष्य डीएमके को सत्ता से हटाना है? : तमिलिसाई सुंदरराजन
सारांश
Key Takeaways
- डीएमके सरकार को हिंदू विरोधी बताया गया।
- राज्य में सत्ता से हटाने की आवश्यकता।
- विपक्ष का एकजुट होना महत्वपूर्ण है।
- भाजपा और टीवीके का गठबंधन जारी।
- जनता से जुड़े मुद्दों को उठाने का प्रयास।
चेन्नई, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा की वरिष्ठ नेता तमिलिसाई सुंदरराजन ने तमिलनाडु की डीएमके सरकार को हिंदू विरोधी बताते हुए इसे सत्ता से हटाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य में डीएमके सरकार को सत्ता से बेदखल करना अत्यंत आवश्यक है। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो निश्चित रूप से भविष्य में स्थिति विषम हो जाएगी, जिसे हम किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं कर सकते।
उन्होंने मंगलवार को राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि तमिलनाडु की मौजूदा सरकार के कार्यकाल में हिंदू समुदाय के हितों पर आघात किया जा रहा है। ये लोग हिंदू विरोधी हैं। लेकिन, अब हमने ऐसे लोगों को सत्ता से हटाने का संकल्प लिया है। ऐसे लोगों को सत्ता में रहने का कोई हक नहीं है। इसके साथ ही, यह सरकार जनविरोधी है, जिसका जनता के हितों से कोई लेना-देना नहीं है।
भाजपा की टीवीके के साथ गठबंधन पर भी वरिष्ठ नेता तमिलिसाई सुंदरराजन ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि गठबंधन के संदर्भ में मेरी तरफ से कोई टिप्पणी उचित नहीं होगी। यह पार्टी के प्रभारियों पर निर्भर करता है कि वे आगे क्या कदम उठाते हैं। इस संबंध में मेरी कोई टिप्पणी सही नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि सोमवार को हमारे पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने इस पर जोर दिया कि प्रदेश की मौजूदा स्थिति को देखते हुए विपक्षी दलों के लिए एकजुट होना आवश्यक है। विपक्षी दलों का एकजुट होना बहुत महत्वपूर्ण है, जिसके साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए विजय को बुलाने का निर्णय लिया गया, क्योंकि विजय भी विपक्षी दल का हिस्सा हैं। हालाँकि, मैं यह स्पष्ट करना चाहती हूँ कि प्रदेश में विपक्षी दल पूरी तरह से मजबूत और एकजुट हैं। यह एकजुटता का परिणाम है कि आज विपक्षी दल जनता से जुड़े मुद्दों को उठाने का प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यहाँ तक कि हमारे पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने भी विजय से यह प्रश्न किया कि आपके पास प्रदेश में डीएमके को सत्ता से हटाने का क्या योजना है, क्योंकि यह बात स्वीकार नहीं की जा सकती कि जब तक पूरा विपक्ष एकजुट नहीं होगा, तब तक प्रदेश में स्थिति हमारे पक्ष में नहीं होगी। हमारा संदेश केवल विजय के लिए नहीं था, बल्कि उन सभी विपक्षी दलों के लिए था, जिनका लक्ष्य डीएमके को सत्ता से बेदखल करना है।