क्या नायब सैनी 'शहीदी समागम' में शामिल होकर गुरु तेग बहादुर की शहादत को याद करते हैं?

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क्या नायब सैनी 'शहीदी समागम' में शामिल होकर गुरु तेग बहादुर की शहादत को याद करते हैं?

सारांश

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने यमुनानगर में गुरु तेग बहादुर की शहादत को याद करते हुए एक भव्य शहीदी समागम का आयोजन किया। इस समागम में उन्होंने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और रक्त दान शिविर का आयोजन किया, जो मानवता की सेवा का प्रतीक है।

Key Takeaways

  • गुरु तेग बहादुर की 350वीं शहादत का सम्मान किया गया।
  • मुख्यमंत्री ने रक्त दान शिविर का आयोजन किया।
  • 31 लाख रुपए की ग्रांट की घोषणा की गई।
  • युवा पीढ़ी को प्रेरित करने का प्रयास किया गया।
  • शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

चंडीगढ़, 21 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस) गुरु तेग बहादुर की 350वीं शहीदी वर्षगांठ के अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने रविवार को यमुनानगर के भम्बोली स्थित गुरुद्वारा साहिब गोबिंदपुरा में एक भव्य 'शहीदी समागम' में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया और नौवें सिख गुरु को फूल चढ़ाए

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पवित्र भूमि पर 'संगत' के बीच खड़े होकर उनका दिल श्रद्धा और गर्व से भर गया। हर कोई एक महान विरासत के सामने सिर झुकाने के लिए एकत्रित हुआ है, जिसने न केवल भारत की पहचान की रक्षा की है बल्कि मानवता के लिए विश्वास और सच्चाई के मार्ग में सब कुछ बलिदान करने का उदाहरण भी प्रस्तुत किया है।

नायब सिंह सैनी ने कहा कि यह 'शहीदी समागम' गुरु तेग बहादुर की 350वीं शहादत की वर्षगांठ और माता गुजरी तथा चार साहिबजादों के सर्वोत्तम बलिदान को समर्पित है। उन्होंने कहा कि प्रसिद्ध कीर्तनी, 'जत्थों' और 'कथावाचकों' के जरिए गुरबानी का प्रवाह न केवल 'संगत' को आध्यात्मिक रूप से ऊंचा उठाएगा, बल्कि युवा पीढ़ी को गुरुओं और बहादुर साहिबजादों के बलिदानों से भी प्रेरित करेगा।

मुख्यमंत्री ने गुरुद्वारा ट्रस्ट के लिए 31 लाख रुपए की ग्रांट की घोषणा की। ट्रस्ट ने उन्हें 'सिरोपा', गुरु तेग बहादुर की तस्वीर और एक तलवार देकर सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि 'समागम' के दौरान एक बड़ा रक्त दान शिविर आयोजित किया गया, जो गुरुओं की शिक्षाओं को दर्शाता है कि मानवता की सेवा ही पूजा का सबसे बड़ा रूप है। उन्होंने रक्त दान करने के लिए आगे आए युवाओं की सराहना की और कहा कि उनके द्वारा दान किया गया रक्त कीमती जीवन बचा सकता है।

उन्होंने 'समागम' के सफल आयोजन के लिए बाबा जसदीप सिंह और आयोजकों का भी दिल से धन्यवाद दिया।

हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह के परिवार की शहादत को विश्व इतिहास में सबसे बड़ा बलिदान माना जाता है। बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की छह और नौ वर्ष की छोटी उम्र में हुई शहादत का स्मरण करते हुए उन्होंने कहा कि विश्व इतिहास में ऐसा कोई उदाहरण नहीं है, जहां मासूम बच्चों ने आस्था की रक्षा के लिए जिंदा दीवारों में डालने की सहमति दी हो, लेकिन झुकने से मना कर दिया हो।

उन्होंने कहा कि 1704 में 20 से 27 दिसंबर के बीच एक ही सप्ताह में, गुरु के परिवार के सभी सदस्यों ने आस्था और मानवता की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान किया; यह सप्ताह इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज हो गया। उन्होंने कहा कि यह बलिदान सिखाता है कि बहादुरी उम्र की मोहताज नहीं होती।

उन्होंने बताया कि कैसे माता गुजरी ने जेल की ठंड में सहन करके अपने पोतों में अटूट आस्था जगाई, और आज भी माताओं और बहनों के लिए प्रेरणा का एक स्थायी स्रोत बन गई हैं।

Point of View

बल्कि यह युवा पीढ़ी को प्रेरित करने का भी एक माध्यम है। हरियाणा के मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर रक्त दान शिविर का आयोजन करके समाज में मानवता की सेवा का संदेश फैलाया है। यह एक महत्वपूर्ण सामाजिक पहल है जो सभी को मिलकर आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है।
NationPress
22/12/2025

Frequently Asked Questions

गुरु तेग बहादुर की शहादत क्यों महत्वपूर्ण है?
गुरु तेग बहादुर का बलिदान मानवता और धार्मिक स्वतंत्रता के लिए एक महत्वपूर्ण उदाहरण है।
क्या नायब सैनी ने इस कार्यक्रम में कोई अनुदान दिया?
हां, उन्होंने गुरुद्वारा ट्रस्ट के लिए 31 लाख रुपए की ग्रांट की घोषणा की।
रक्त दान शिविर का उद्देश्य क्या था?
रक्त दान शिविर का उद्देश्य मानवता की सेवा करना और सामाजिक जागरूकता फैलाना था।
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