क्या हरियाणा के सीईओ ने राहुल गांधी को रिमांडर पत्र भेजा है?

सारांश
Key Takeaways
- मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने राहुल गांधी को रिमांडर पत्र भेजा है।
- दस्तावेजों की मांग मतदाता सूची की पारदर्शिता के लिए की गई है।
- दस्तावेजों को दस दिनों के भीतर पेश करना आवश्यक है।
- मतदाता पंजीकरण नियम 1960 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
- कांग्रेस द्वारा दायर अपीलों की संख्या शून्य है।
चंडीगढ़, 10 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने रविवार को लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को एक रिमांडर पत्र भेजा, जिसमें उन्होंने दस्तावेज प्रस्तुत करने की मांग की।
हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर इस पत्र को साझा करते हुए कहा कि मैं आपका ध्यान 9 अगस्त के इस कार्यालय संचार की ओर आकर्षित करना चाहता हूं, जिसमें 7 अगस्त को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आपके द्वारा हरियाणा की मतदाता सूची में कथित अपात्र मतदाताओं को शामिल करने और पात्र मतदाताओं को बाहर करने से संबंधित बयानों का उल्लेख है।
पत्र में अनुरोध किया गया था कि आप संबंधित मतदाताओं का विवरण, मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 के नियम 20(3)(बी) के तहत विधिवत हस्ताक्षरित घोषणा या शपथ पत्र के साथ प्रस्तुत करें। यह आवश्यक है कि हस्ताक्षरित घोषणा या शपथ पत्र दस दिनों के भीतर इस कार्यालय को वापस किया जाए, ताकि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 और मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 के अनुसार आवश्यक कार्यवाही प्रारंभ की जा सके।
इससे पहले, सीईओ हरियाणा ने पत्र में राहुल गांधी से कहा था कि वोटर लिस्ट जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950, निर्वाचक पंजीकरण नियम 1960 और भारत के निर्वाचन आयोग द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों के अनुसार पारदर्शी तरीके से तैयार की जाती हैं। नवीनतम मतदाता सूचियां कांग्रेस के प्रतिनिधियों के साथ साझा की गई थीं।
उन्होंने कहा था कि सेकंड विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (एसएसआर) 2024 की मसौदा मतदाता सूचियां अगस्त 2024 और फाइनल मतदाता सूचियां सितंबर 2024 में कांग्रेस के साथ साझा की गई थीं। अंतिम प्रकाशन के बाद संबंधित जिलाधिकारियों के पास कांग्रेस द्वारा दायर प्रथम अपीलों की संख्या शून्य है। साथ ही मुख्य निर्वाचन अधिकारी, हरियाणा के पास उनके द्वारा दायर द्वितीय स्तरीय अपीलों की संख्या शून्य है। चुनावों के संचालन के संबंध में, चुनाव परिणामों पर केवल उच्च न्यायालय के समक्ष चुनाव याचिका के माध्यम से ही प्रश्न उठाया जा सकता है।