क्या हरियाणा सरकार ने हमारी योजनाओं को रोका? बाढ़ प्रभावित किसानों को मिले मुआवजा: दीपेंद्र हुड्डा

सारांश
Key Takeaways
- हरियाणा में बाढ़ की स्थिति गंभीर है।
- दीपेंद्र हुड्डा ने सरकार की आलोचना की।
- मुआवजे की मांग उठाई गई है।
- सरकार की निष्क्रियता पर सवाल उठाए गए हैं।
- जलभराव की समस्या विकराल होती जा रही है।
चंडीगढ़, 6 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। हरियाणा में नदियों का जलस्तर घटने लगा है, लेकिन कॉलोनियों, गांवों और बस्तियों के निवासियों की परेशानियाँ समाप्त होने का नाम नहीं ले रही हैं। बाढ़ के बाद भी लोगों के घरों में अब भी कीचड़ और मलबा भरा हुआ है। इसके बावजूद कई स्थानों की स्थिति आज भी चिंताजनक बनी हुई है।
बाढ़ को लेकर कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने हरियाणा सरकार पर निशाना साधा। समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा कि हरियाणा में जलभराव की समस्या बढ़ती जा रही है, जिसके लिए भाजपा सरकार की निष्क्रियता जिम्मेदार है। इस सरकार ने पिछले 10 वर्षों में कोई नई नहर या ड्रेन नहीं बनाई है।
उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल पर भी आरोप लगाया कि मनोहर लाल ने एक नीति के तहत कहा था कि जो किसान अपनी जमीन देंगे, वहां ड्रेन बनेगी। इस पर भी ध्यान नहीं दिया गया, जबकि दादूपुर नलवी नहर, जो हमारी सरकार में स्वीकृत थी, उसे सरकार ने रद्द कर दिया। इसके कारण समस्या ने विकराल रूप ले लिया है।
उन्होंने सरकार से मांग की कि केवल क्षतिपूर्ति पोर्टल से काम नहीं चलेगा; सरकार पोर्टल तो खोल रही है लेकिन अपने दरवाजे बंद कर रही है। कई और नुकसान हुए हैं; मकान और बस्ती का सर्वे कराकर तुरंत मुआवजा घोषित किया जाए। लोगों को 50,000 रुपए प्रति एकड़ कम से कम मुआवजा दें।
सरकार जिन क्षेत्रों में पंप सेट, पाइप, या बिजली कनेक्शन की आवश्यकता है, उनकी युद्ध स्तर पर मॉनिटरिंग करके उपलब्धता सुनिश्चित करे। हरियाणा सरकार सोई हुई प्रतीत होती है। ऐसा लग रहा है कि सरकार का कोई बयान अभी तक नहीं आया है। हरियाणा में कई लोगों की जानें गईं हैं।