क्या हरियाणा पुलिस का 'ऑपरेशन ट्रैक डाउन' कुख्यात अपराधियों पर शिकंजा कस सकेगा?

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क्या हरियाणा पुलिस का 'ऑपरेशन ट्रैक डाउन' कुख्यात अपराधियों पर शिकंजा कस सकेगा?

सारांश

हरियाणा पुलिस ने 'ऑपरेशन ट्रैक डाउन' के तहत कुख्यात अपराधियों पर शिकंजा कसने का अभियान शुरू किया है। यह पहल अपराध की जड़ों को समाप्त करने और युवाओं को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित करने का प्रयास है। क्या यह अभियान अपराध को रोकने में सफल होगा? जानें इस महत्वपूर्ण अभियान के बारे में।

Key Takeaways

  • हरियाणा पुलिस का अभियान 'ऑपरेशन ट्रैक डाउन' शुरू हुआ है।
  • यह अभियान कुख्यात अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए है।
  • डीजीपी ओपी सिंह ने अपराध की जड़ों को समाप्त करने का लक्ष्य रखा है।
  • संदिग्ध अपराधियों का 30,000 का डाटाबेस तैयार है।
  • युवाओं से स्वेच्छा से आत्मसमर्पण की अपील की गई है।

पंचकुला, 5 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। हरियाणा पुलिस ने राज्य में कुख्यात अपराधियों, हथियारबंद युवाओं और फरार अपराधियों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण अभियान की शुरुआत की है। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओपी सिंह ने बुधवार को राज्यव्यापी विशेष अभियान 'ऑपरेशन ट्रैक डाउन' का उद्घाटन किया, जिसका मुख्य उद्देश्य अपराध के मूल कारणों का नाश करना और हथियार रखने वालों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित करना है।

डीजीपी सिंह ने पंचकूला में राष्ट्र प्रेस से विशेष बातचीत में कहा कि यह अभियान उन बढ़ती घटनाओं को ध्यान में रखते हुए शुरू किया गया है, जहाँ युवा फिल्मी दुनिया और सोशल मीडिया रीलों से प्रभावित होकर अपराध को 'ग्लैमर' के रूप में देखने लगे हैं।

उन्होंने कहा कि यह समझाना आवश्यक है कि एक ट्रिगर खींचने के परिणाम हमेशा जीवन बदलने वाले होते हैं।

सिंह ने बताया कि यह अभियान 15 दिनों तक चरणबद्ध तरीके से चलेगा। इस दौरान हर पुलिस थाने से पांच सबसे कुख्यात अपराधियों की पहचान की जाएगी, जबकि जिला स्तर पर 10 और एसटीएफ स्तर पर 20 कुख्यात अपराधियों को ट्रैक करने का लक्ष्य रखा गया है।

उन्होंने बताया कि स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने पहले से ही करीब 30,000 संदिग्ध अपराधियों का डाटाबेस तैयार किया है। इनमें से लगभग 1,500 से 2,000 अपराधियों को प्राथमिकता के आधार पर चिन्हित किया गया है—विशेष रूप से वे जिन्होंने कभी न कभी गोली चलाई हो।

डीजीपी सिंह ने स्पष्ट किया कि अपराध की पुनरावृत्ति करने वालों पर संगठित अपराध की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाएगा, जिसमें बिना जमानत के 1 से 2 साल की जेल का प्रावधान है। इसके अलावा, दोषी पाए जाने वालों की संपत्ति जब्त की जाएगी और उन्हें सरकारी हिरासत में रखा जाएगा।

उन्होंने हथियार रखने वाले युवाओं से स्वेच्छा से आत्मसमर्पण करने की अपील की और कहा कि जो कानूनी प्रक्रिया का सम्मान करेंगे, उन्हें सुरक्षा दी जाएगी।

सिंह ने कहा कि अगर आप शांति से आएंगे तो कोई नुकसान नहीं होगा। सब कुछ कानून के दायरे में होगा। साथ ही, उन्होंने चेतावनी दी कि अगर कोई अपराधी दोनों हाथों से गोली चलाता है तो पुलिस ने भी चूड़ियां नहीं पहन रखी हैं

डीजीपी ने दावा किया कि हरियाणा पुलिस किसी भी गिरोह से डरने वाली नहीं है। उन्होंने कहा कि डाटाबेस में शामिल कई लोग 'शोहरत, पैसा और सत्ता की चाह' में भटके हुए हैं। यह अभियान उन लोगों पर भी केंद्रित होगा जो फोन कॉल से लोगों को डराते-धमकाते हैं।

हरियाणा पुलिस ने घोषणा की है कि 'ऑपरेशन ट्रैक डाउन' की प्रगति को प्रतिदिन सार्वजनिक किया जाएगा। गिरफ्तारी, हथियार बरामदगी और अन्य विवरण नियमित रूप से मीडिया के साथ साझा किए जाएंगे, ताकि जनता को पुलिस की कार्रवाई की पारदर्शी जानकारी मिलती रहे।

Point of View

जो न केवल कुख्यात अपराधियों को पकड़ने का प्रयास कर रहा है, बल्कि युवा पीढ़ी को भी सही दिशा दिखाने का काम कर रहा है। यह जरूरी है कि हम सब मिलकर इस अभियान का समर्थन करें और समाज में शांति और सुरक्षा की भावना को बनाए रखें।
NationPress
05/11/2025

Frequently Asked Questions

ऑपरेशन ट्रैक डाउन का मुख्य उद्देश्य क्या है?
ऑपरेशन ट्रैक डाउन का मुख्य उद्देश्य कुख्यात अपराधियों को पकड़ना और हथियार रखने वालों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित करना है।
यह अभियान कितने दिनों तक चलेगा?
यह अभियान 15 दिनों तक चलेगा।
क्या आत्मसमर्पण करने वाले युवाओं को सुरक्षा मिलेगी?
हां, जो युवा आत्मसमर्पण करेंगे, उन्हें सुरक्षा दी जाएगी।
कितने संदिग्ध अपराधियों का डाटाबेस तैयार किया गया है?
स्पेशल टास्क फोर्स ने करीब 30,000 संदिग्ध अपराधियों का डाटाबेस तैयार किया है।
क्या इस अभियान की प्रगति जनता के साथ साझा की जाएगी?
हां, अभियान की प्रगति को प्रतिदिन सार्वजनिक किया जाएगा।