क्या कर्नाटक भाजपा ने हेट स्पीच बिल के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया?

Click to start listening
क्या कर्नाटक भाजपा ने हेट स्पीच बिल के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया?

सारांश

कर्नाटक में भाजपा ने हेट स्पीच और हेट क्राइम बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने इस कानून को असंवैधानिक बताया। भाजपा ने सरकार के खिलाफ बोलने वालों को चुप कराने के आरोप लगाए। क्या यह कानून सच्ची अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन करेगा?

Key Takeaways

  • कर्नाटक हेट स्पीच बिल को भाजपा ने असंवैधानिक माना।
  • भाजपा का आरोप है कि यह कानून बोलने की आज़ादी पर अंकुश लगाएगा।
  • कर्नाटक विधानसभा ने इसे 19 दिसंबर को पारित किया।
  • भाजपा ने इसे लोकतंत्र के लिए खतरे के रूप में देखा।
  • इस बिल का दुरुपयोग हो सकता है, जिससे आलोचना पर रोक लगाई जा सकती है।

बेंगलुरु, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी ने मंगलवार को बेंगलुरु के उप-आयुक्त के ऑफिस के सामने विवादास्पद कर्नाटक हेट स्पीच और हेट क्राइम (रोकथाम) बिल के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। पार्टी के प्रतिनिधियों ने शहर के उप-आयुक्त के माध्यम से राज्यपाल और मुख्यमंत्री को इस प्रस्तावित कानून के विरोध में एक ज्ञापन सौंपा।

विरोध प्रदर्शन के दौरान भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बिल की आलोचना करते हुए तख्तियां और पोस्टर पकड़े हुए थे।

ज्ञापन में भाजपा ने कहा कि यह प्रस्तावित कानून असंवैधानिक है और नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। पार्टी ने आरोप लगाया कि यह बिल संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) का उल्लंघन करता है, जो बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी देता है। उसने कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार पर संविधान में दिए गए अधिकारों को कम करने का आरोप लगाया।

भाजपा ने यह भी कहा कि इस बिल का दुरुपयोग उन लोगों को चुप कराने के लिए किया जा सकता है जो सरकार की आलोचना करते हैं। उसने यह भी आरोप लगाया कि कानून के तहत दी गई परिभाषाएं अस्पष्ट हैं और इससे सरकार की आलोचना, सार्वजनिक बहस, व्यंग्य, और यहां तक की सच बोलने को भी हेट स्पीच माना जा सकता है।

ज्ञापन में सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा गया कि यह बिल लोगों में डर पैदा करने और उनकी आवाज को दबाने का प्रयास है।

भाजपा ने आगे आरोप लगाया कि यह कानून लोकतंत्र की बुनियाद को नुकसान पहुंचाएगा और पुलिस तथा सरकार को अत्यधिक और तानाशाही शक्तियां देकर लोकतांत्रिक समाज का गला घोंट देगा। उसने कुछ अपराधों के लिए जमानत न देने वाले प्रावधानों पर भी आपत्ति जताई और ऐसे कानून की जरूरत पर सवाल उठाया।

कानून को लागू न करने की मांग करते हुए भाजपा ने कहा कि यह बिल मीडिया को नुकसान पहुंचाएगा और लोगों की आवाज को दबाएगा। इसलिए इसे लागू नहीं किया जाना चाहिए।

कड़े विरोध के बावजूद, कर्नाटक विधानसभा ने 19 दिसंबर को कर्नाटक हेट स्पीच और हेट क्राइम (रोकथाम) बिल, 2025 को पारित कर दिया, जिससे कर्नाटक देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जिसने हेट स्पीच और हेट क्राइम को रोकने के लिए एक विशेष कानून बनाया है।

Point of View

बल्कि यह नागरिकों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर भी सवाल खड़ा करता है। ऐसे में हमें यह समझने की जरूरत है कि क्या यह कानून वास्तव में आवश्यक है या यह केवल सरकार की आलोचना को रोकने का एक तरीका है।
NationPress
23/12/2025

Frequently Asked Questions

कर्नाटक हेट स्पीच बिल क्या है?
यह बिल हेट स्पीच और हेट क्राइम की रोकथाम के लिए बनाया गया है, जिसका उद्देश्य समाज में शांति और सद्भाव को बनाए रखना है।
भाजपा का इस बिल पर क्या कहना है?
भाजपा का कहना है कि यह बिल असंवैधानिक है और इसका दुरुपयोग किया जा सकता है।
क्या यह बिल लोकतंत्र के लिए खतरा है?
भाजपा के अनुसार, यह बिल लोकतंत्र की बुनियाद को नुकसान पहुंचा सकता है और लोगों की आवाज को दबा सकता है।
कर्नाटक में इस बिल के पारित होने का क्या प्रभाव पड़ेगा?
इससे राज्य में सरकार के खिलाफ बोलने वाले लोगों को चुप कराने की संभावनाएं बढ़ सकती हैं।
क्या इस बिल को लागू किया जाएगा?
भाजपा का कहना है कि यह बिल लागू नहीं होना चाहिए, क्योंकि यह मीडिया और नागरिकों की आवाज को नुकसान पहुंचाएगा।
Nation Press