क्या पीएम मत्स्य संपदा योजना ने हजारीबाग की सावित्री देवी को नया जीवन दिया?

सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने का अवसर।
- सावित्री देवी ने बर्फ का प्लांट स्थापित कर रोजगार दिया।
- सरकारी सब्सिडी से प्लांट की स्थापना संभव हुई।
- 32-35 लोगों को रोजगार मिला है।
- मछली पालन के लिए बर्फ का उपयोग बढ़ा।
हजारीबाग, 29 जून (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की वजह से झारखंड के हजारीबाग में लोग आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं। यह योजना सावित्री देवी के लिए एक संजीवनी के समान साबित हुई है। इस योजना का लाभ उठाकर उन्होंने एक बर्फ का प्लांट स्थापित किया है, जिससे न केवल वह आत्मनिर्भर बनी हैं, बल्कि क्षेत्र के अन्य लोगों को भी रोजगार प्रदान कर रही हैं।
हजारीबाग के चेतारा गांव की निवासी सावित्री देवी के पति जोधन प्रसाद ने बताया कि बर्फ का प्लांट उनकी पत्नी के नाम पर है। इसे स्थापित करने के बाद उनके जीवन में खुशहाली आ गई है। इस प्लांट की स्थापना में 80 लाख रुपये की लागत आई थी, जिसमें से सरकार की ओर से 48 लाख रुपये की सब्सिडी प्राप्त हुई है। इस प्लांट से वे हर महीने एक लाख रुपये की बचत कर रहे हैं।
जोधन प्रसाद ने कहा, "पहले मुझे रोजगार के लिए भटकना पड़ता था, लेकिन बर्फ का प्लांट लगाने के बाद से मैं स्थायी कारोबारी बन गया हूं।" उन्होंने बताया कि आइस प्लांट से 32-35 लोगों को रोजगार मिला है।
उन्होंने कहा कि इस प्लांट की स्थापना से उनके जीवन में बहुत बड़ा बदलाव आया है। अब उन्हें बाहर जाकर काम नहीं करना पड़ता है। उनका परिवार आत्मनिर्भर बन गया है। इस व्यापार से न केवल उनके परिवार की स्थिति बदली है, बल्कि आने वाली पीढ़ी की किस्मत भी संवर गई है। उनके बेटे ने भी इसी काम को आगे बढ़ाने का निश्चय किया है।
जोधन प्रसाद ने बताया कि आइस प्लांट से 60 प्रतिशत बर्फ मछली पालन करने वाले उपयोग करते हैं और 40 प्रतिशत बर्फ अन्य कारोबारी लेते हैं। लागत और मुनाफे की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि बर्फ की एक सिल्ली बनाने में 30 रुपये की लागत आती है और 70 रुपये का मुनाफा होता है। हर महीने करीब एक लाख रुपये की बचत होती है। यदि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का लाभ नहीं मिलता, तो इतना बड़ा प्लांट स्थापित नहीं कर पाते। सरकार के अनुदान के कारण ही वे सफल हुए हैं।
यह उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) केंद्र सरकार द्वारा मछली पालन क्षेत्र के विकास के लिए शुरू की गई एक महत्वपूर्ण योजना है। इसका मुख्य उद्देश्य मछली उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाना, गुणवत्ता, प्रौद्योगिकी और मूल्य श्रृंखला को मजबूत करना और मछुआरों का कल्याण सुनिश्चित करना है।