क्या हजारीबाग में सिद्धू-कान्हू और केबी सहाय की प्रतिमाएं तोड़ी गईं?

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क्या हजारीबाग में सिद्धू-कान्हू और केबी सहाय की प्रतिमाएं तोड़ी गईं?

सारांश

हजारीबाग में स्वतंत्रता सेनानियों की प्रतिमाओं को तोड़ने की घटना ने लोगों में गहरा आक्रोश पैदा कर दिया है। सांसद मनीष जायसवाल ने इस निंदनीय कृत्य की कड़ी निंदा की है और प्रशासन से दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की है। जानिए इस घटना का पूरा विवरण।

Key Takeaways

  • हजारीबाग में स्वतंत्रता सेनानियों की प्रतिमाओं को तोड़ना एक गंभीर घटना है।
  • स्थानीय सांसद ने इस कृत्य की कड़ी निंदा की है।
  • प्रशासन ने दोषियों की गिरफ्तारी के लिए जांच शुरू की है।

हजारीबाग, 25 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के हजारीबाग जिला मुख्यालय में कुछ असामाजिक तत्वों ने दो अलग-अलग स्थानों पर स्वतंत्रता सेनानी और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कृष्ण बल्लभ सहाय और संथाल हूल विद्रोह के नायक सिद्धू-कान्हू की प्रतिमाओं को क्षति पहुंचाई है। इस घटना के कारण लोगों में गहरी नाराजगी देखने को मिल रही है।

शुक्रवार की सुबह शहर के संत कोलम्बस कॉलेज के सामने पार्क में स्थित केबी सहाय की बड़ी प्रतिमा क्षतिग्रस्त मिली। जैसे ही इसकी सूचना मिली, बड़ी संख्या में लोग पार्क पहुंचकर इस कृत्य का विरोध करने लगे। इसके बाद दोपहर में 1856 के संथाल विद्रोह के नायकों सिद्धू-कान्हू की प्रतिमा के टूटने की जानकारी भी तेजी से फैल गई। लोगों ने इन घटनाओं को स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान करार दिया और इसे समाज के नैतिक मूल्यों पर हमला बताया। शहर में इन हरकतों के खिलाफ गुस्सा और आक्रोश का माहौल है।

सिद्धू-कान्हू 1855-56 में संथाल हूल विद्रोह के अग्रणी थे। उन्होंने ब्रिटिश हुकूमत और जमींदारों के अत्याचारों के खिलाफ जनजातीय समाज को एकजुट कर क्रांति की शुरुआत की और शहीद हो गए। जिस स्थान पर उनकी प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं, उसे सिद्धू-कान्हू चौक के नाम से जाना जाता है। वहीं, केबी सहाय 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों में शामिल थे। स्वतंत्रता के बाद वे अविभाजित बिहार के मुख्यमंत्री बने। उनके कार्यकाल में बिहार में जमींदारी प्रथा का उन्मूलन हुआ और बरौनी रिफाइनरी, बोकारो स्टील प्लांट जैसे औद्योगिक प्रतिष्ठान स्थापित हुए। इसके अलावा, उन्होंने तिलैया में सैनिक स्कूल और हजारीबाग में महिला कॉलेज की स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

प्रतिमाओं की तोड़फोड़ की इस घटना पर हजारीबाग के सांसद मनीष जायसवाल ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि ऐसे महामानवों की प्रतिमाओं को नष्ट करना बेहद निंदनीय है और इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सांसद ने हजारीबाग जिला प्रशासन से दोषियों की जल्द गिरफ्तारी और उनके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। साथ ही, उन्होंने दोनों महापुरुषों की प्रतिमाओं को तुरंत पुनः स्थापित करने की अपील की है।

वर्तमान में, प्रशासन इस मामले की जांच कर रहा है और प्रतिमाओं को तोड़ने वालों की तलाश जारी है।

Point of View

बल्कि पूरे देश के लिए एक चिंताजनक संकेत है। ऐसे कृत्यों की निंदा आवश्यक है और हमें एकजुट होकर उनके खिलाफ खड़ा होना चाहिए।
NationPress
10/09/2025

Frequently Asked Questions

हजारीबाग में प्रतिमाएं क्यों तोड़ी गईं?
यह घटना कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा की गई है, जिसके कारण लोगों में आक्रोश है।
सांसद ने इस घटना पर क्या प्रतिक्रिया दी?
सांसद मनीष जायसवाल ने इस कृत्य की कड़ी निंदा की और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की।
प्रतिमाओं को तोड़ने का क्या कारण हो सकता है?
यह एक निंदनीय कृत्य है जिसका कोई उचित कारण नहीं हो सकता।