क्या हिमाचल के सराज विधानसभा क्षेत्र में त्रासदी से सब तबाह हो गया?

सारांश
Key Takeaways
- सराज विधानसभा क्षेत्र में भीषण त्रासदी आई है।
- नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सरकार की राहत कार्यों को अपर्याप्त बताया।
- 30 से अधिक लोग अब तक लापता हैं।
- सरकार को राहत कार्यों में तेजी लाने की आवश्यकता है।
- केंद्र सरकार ने मदद की पेशकश की है।
मंडी, 3 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सराज विधानसभा क्षेत्र में हुई भीषण त्रासदी को लेकर प्रदेश की सुक्खू सरकार पर कड़ी टिप्पणी की। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सराज में आई यह त्रासदी पूरे क्षेत्र के लिए एक बड़ा संकट बन गई है। पिछले 25 वर्षों में क्षेत्र के लोगों ने मिलकर सराज को जिस ऊंचाई पर पहुँचाया था, आज वह सब तबाह हो गया है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि जंजैहली, जरोल, च्यूणी, लंबाथाच, थुनाग, बगस्याड़, बाड़ा, परवाड़ा, थाची, कुकलाह और बाखली में भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि अब तक 30 से अधिक लोग लापता हैं और नौ शव बरामद किए जा चुके हैं। पखरैर पंचायत के देजी में सबसे अधिक जानी नुकसान हुआ है, जहां एक ही गांव के 11 लोग लापता हैं। 500 से ज्यादा घरों और दुकानों को नुकसान पहुंचा है, कई पुल टूट गए हैं और कई सड़कें इतनी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुई हैं कि उनकी मरम्मत संभव नहीं है।
उन्होंने कहा कि नाचन विधानसभा क्षेत्र में भी ऐसी ही स्थिति है, जहां एक गांव में भारी नुकसान हुआ है और नौ लोग लापता हैं। वहां अब तक दो शव बरामद हुए हैं।
जयराम ठाकुर ने कहा कि बुधवार को एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें सराज पहुंची हैं। मुख्यमंत्री सुक्खू ने हेलीकॉप्टर से हवाई सर्वेक्षण करने के बाद रैणगलू में लोगों से मिलकर राशन वितरित किया था। लेकिन राहत कार्य जो चल रहे हैं, वे पर्याप्त नहीं हैं।
जयराम ठाकुर ने कहा कि जिस प्रकार कार्य चल रहा है, उससे स्थिति सामान्य होने में दो-तीन महीने लग जाएंगे। सरकार और प्रशासन को इस मामले में गंभीरता दिखाने की आवश्यकता है। मशीनों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए और यहां बड़ी मशीनें तैनात की जानी चाहिए। युद्धस्तर पर सड़क, बिजली और जलापूर्ति की बहाली का कार्य किया जाना चाहिए। केंद्र सरकार ने भी मदद की पेशकश की है, जिसके लिए हम उनका धन्यवाद करते हैं।