क्या हिमाचल प्रदेश में भारी तबाही के बीच 34 लापता लोगों की खोज जारी है?

सारांश
Key Takeaways
- 34 लोग लापता हैं, जिनकी खोज जारी है।
- मंडीय जिले में भारी नुकसान हुआ है।
- भूस्खलन और फ्लैश फ्लड की घटनाएँ बढ़ी हैं।
- ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
- 406 सड़कें बंद हैं।
शिमला, 2 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। हिमाचल प्रदेश में बादल फटने और भारी बारिश के चलते एक भयंकर स्थिति उत्पन्न हो गई है। राज्य के विभिन्न स्थानों पर बादल फटने और बारिश के कारण बड़े पैमाने पर भूस्खलन और फ्लैश फ्लड की घटनाएँ देखने को मिली हैं। अचानक आई बाढ़ के कारण पिछले 24 घंटे से अधिक समय से 34 लोग लापता हैं। लापता व्यक्तियों की खोज के लिए बचावकर्मियों ने बुधवार को दूसरे दिन तलाशी अभियान फिर से प्रारंभ किया।
सबसे अधिक नुकसान मंडी जिले में देखने को मिला। मंगलवार को इस जिले में 16 बादल फटने और 3 फ्लैश फ्लड की घटनाएँ हुईं, जिनमें एक पुल, 24 मकान और एक हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट को क्षति पहुँची। अब तक 10 लोगों की मृत्यु की पुष्टि हो चुकी है।
लगभग 24 घंटे से जारी इस आपदा के कारण लापता व्यक्तियों के जीवित मिलने की संभावना कम होती जा रही है, जिससे मृतकों की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है। अब तक चंबा जिले से 3, हमीरपुर जिले से 51 और मंडी जिले से 316 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है।
मौसम विभाग ने पूर्वानुमान लगाया है कि 7 जुलाई तक पूरे राज्य में भारी से बहुत भारी बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। 2 से 7 जुलाई के लिए मौसम विभाग ने भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर के ताजा बुलेटिन में कहा गया है कि पंडोह बांध से लगभग 2 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण पंडोह बाजार क्षेत्र में बाढ़ का गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है, जिससे आसपास के आवासीय घरों के डूबने की संभावना है। इसके साथ ही मंडी जिले में 'ज्यूनी खड्ड' खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जिसके कारण वहां से तत्काल लोगों को निकालने का कार्य शुरू किया गया है।
राजस्व विभाग के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में कम से कम 406 सड़कें बंद हो चुकी हैं। इनमें मंडी में 248, कांगड़ा में 55, कुल्लू में 37, शिमला में 32, सिरमौर में 21, चंबा में 6, ऊना और सोलन में 4-4, जबकि हमीरपुर और किन्नौर जिले की एक-एक सड़क भी शामिल है।