क्या घुसपैठ को लेकर हिमंत बिस्वा सरमा का बयान सही है?
सारांश
Key Takeaways
- भीम सिंह ने घुसपैठ पर चिंता जताई।
- हिमंत बिस्वा सरमा का बयान विवादित है।
- राहुल गांधी के बयानों पर भी सवाल उठाए गए।
- बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर चिंता।
- सतर्क रहने की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
नई दिल्ली, २४ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा सांसद भीम सिंह ने बुधवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के घुसपैठ से संबंधित बयान पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि हिमंत बिस्वा सरमा को वहाँ की स्थिति का गहरा ज्ञान है, क्योंकि वे सरकार का संचालन कर रहे हैं। उन्होंने यह बात अपने आकलन के आधार पर कही होगी। भीम सिंह ने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री का बयान चिंतनीय है और हमें अभी से सतर्क रहने की आवश्यकता है।
असम के मुख्यमंत्री ने मंगलवार को कहा था कि यदि असम में रहने वाले बांग्लादेशियों की संख्या 10 प्रतिशत और बढ़ गई, तो असम स्वयं बांग्लादेश का हिस्सा बन जाएगा। वे पिछले पाँच वर्षों से इस मुद्दे को उठाते आ रहे हैं।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के जर्मनी में दिए गए हालिया बयानों पर भीम सिंह ने कहा कि राहुल गांधी विपक्ष के नेता हैं, जो एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है, लेकिन उनका व्यवहार अक्सर राष्ट्रीय हितों के खिलाफ होता है। जब वे देश में होते हैं और संसद का सत्र चल रहा होता है, तो वे जनता के मुद्दों को उठाने के बजाय संसद को बाधित करते हैं। जब संसद चल रही होती है, तो वे सड़कों पर ऐसे मुद्दे उठाते हैं जिनका जनता की चिंताओं से कोई वास्तविक संबंध नहीं होता। विदेश यात्रा के दौरान भी यही सिलसिला जारी रहता है। राहुल गांधी भारत-विरोधी टिप्पणियाँ करते हैं और भारत की कमियों को उजागर करते हैं।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के बयान पर भीम सिंह ने कहा कि उनका बयान ऐतिहासिक रूप से सही है। आजादी के बाद भारत में समय-समय पर जो हिंदू-मुस्लिम मुद्दा सामने आया है, उसकी जिम्मेदारी कांग्रेस पार्टी की है। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान हिंदू-मुस्लिम समस्या का सामना किया गया। यही कारण है कि कांग्रेस आजादी की लड़ाई के समय ही मुसलमानों को साथ लेने में विफल रही।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर यूएन महासचिव के चिंता जताने पर भीम सिंह ने कहा कि बांग्लादेश की सरकार हिंदुओं की रक्षा करने में असफल रही है, और उन्हें अपने नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए। इसलिए, यूएन महासचिव को बांग्लादेश सरकार से त्यागपत्र की मांग करनी चाहिए।
नई दिल्ली में राष्ट्र प्रेस से बातचीत में भीम सिंह ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर किए जा रहे अत्याचार, जिसमें एक हिंदू युवक की हत्या भी शामिल है, बहुत निंदनीय हैं। इन घटनाओं को लेकर भारत में लोगों में काफी गुस्सा है। अब ऐसी स्थिति में, यूएन महासचिव की निंदा का स्वागत करते हैं और उन्हें ध्यान देना चाहिए।