क्या अदाणी समूह को हिंडनबर्ग मामले में मिली क्लीन चिट भारत के लिए शुभ संकेत है?

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क्या अदाणी समूह को हिंडनबर्ग मामले में मिली क्लीन चिट भारत के लिए शुभ संकेत है?

सारांश

हिंडनबर्ग मामले के बाद अदाणी समूह को मिली क्लीन चिट ने भारतीय अर्थव्यवस्था के भविष्य के बारे में नए सवाल खड़े किए हैं। राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला के विचारों के साथ जानें कैसे यह मामला भारत के आर्थिक विकास में मदद कर सकता है।

Key Takeaways

  • अदाणी समूह को मिली क्लीन चिट से भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
  • गौतम अदाणी का कहना है कि आरोप निराधार थे।
  • तहसीन पूनावाला का मानना है कि भारत को और उद्यमियों की आवश्यकता है।
  • हिंडनबर्ग के खिलाफ की गई जांच ने सभी आरोपों का खंडन किया।
  • भारत को वैश्विक मंच पर आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित होना चाहिए।

पुणे, १८ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। हिंडनबर्ग मामले में अदाणी समूह को क्लीन चिट मिलने के बाद, राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला ने इसे भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक पहल के रूप में देखा।

उन्होंने कहा कि यह मामला न तो सरकार का है और न ही विपक्ष का, बल्कि भारत के आर्थिक भविष्य का है।

पूनावाला ने बताया कि भारत को अगले ३०-३५ वर्षों में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए केवल एक अदाणी की आवश्यकता नहीं है। देश को लाखों गौतम अदाणी और एलन मस्क जैसे उद्यमियों की जरूरत है। इसके लिए उद्यमिता की भावना को बढ़ावा देना अनिवार्य है, ताकि भारत वैश्विक आर्थिक मंच पर मजबूती से खड़ा हो सके।

उन्होंने हिंडनबर्ग पर निशाना साधते हुए कहा कि ये कोई वॉल स्ट्रीट का शूरवीर नहीं हैं, बल्कि 'वॉल स्ट्रीट के भेड़िये' हैं, जिनका उद्देश्य भ्रम फैलाकर भारतीय अर्थव्यवस्था पर हमला करना और मुनाफा कमाना है।

उन्होंने बताया कि १,२०० पन्नों की विस्तृत जांच रिपोर्ट में हिंडनबर्ग के सभी आरोपों की गहन समीक्षा की गई। सुप्रीम कोर्ट ने हर सवाल का जवाब देते हुए गौतम अदाणी, राजेश अदाणी और अदाणी समूह के अन्य सदस्यों को क्लीन चिट दे दी।

पूनावाला ने चेतावनी दी कि भारत एक उभरती अर्थव्यवस्था है और इसे शिकारियों से बचाने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि हमें अपनी अर्थव्यवस्था और उद्यमियों की रक्षा करनी होगी। भारत को वैश्विक मंच पर एक आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित करने के लिए हमें उद्यमियों को भी प्रोत्साहित करना चाहिए। यह कदम भारतीय अर्थव्यवस्था को और मजबूती प्रदान करेगा।

अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने गुरुवार को कहा कि सेबी के आदेशों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए आरोप पूरी तरह निराधार थे।

गुरुवार को दो अलग-अलग आदेशों में कैपिटल मार्केट रेगुलेटर ने हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों से संबंधित मामलों में अदाणी ग्रुप की कंपनियों और उनके वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई को समाप्त कर दिया।

Point of View

बल्कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था के स्थिरता और विकास का भी संकेत है। हमें चाहिए कि हम अपने उद्यमियों का समर्थन करें और उनके विकास के लिए एक सुरक्षित वातावरण तैयार करें।
NationPress
18/09/2025

Frequently Asked Questions

हिंडनबर्ग मामले में अदाणी समूह को क्या मिला?
अदाणी समूह को हिंडनबर्ग मामले में क्लीन चिट मिली है, जिसका अर्थ है कि उन पर लगाए गए आरोप निराधार थे।
तहसीन पूनावाला का क्या कहना है?
तहसीन पूनावाला ने इसे भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक कदम बताया है और कहा है कि हमें और उद्यमियों की जरूरत है।