क्या बिहार में 160 सीटों पर एनडीए की जीत संभव है? अमित शाह का दावा
सारांश
Key Takeaways
- एनडीए 160 सीटें जीतने का दावा करता है।
- नीतीश कुमार की नेतृत्व क्षमता पर जोर दिया गया।
- बिहार में विकास की उपलब्धियों को रेखांकित किया गया।
- मुख्यमंत्री पद का फैसला चुनाव के बाद होगा।
- विपक्षी महागठबंधन की चुनौतियाँ मौजूद हैं।
नई दिल्ली, 1 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार विधानसभा चुनावों में नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (एनडीए) की बड़ी जीत का दावा किया है। उन्होंने कहा कि गठबंधन 243 में से 160 सीटें जीतकर दो-तिहाई बहुमत से सरकार बनाएगा।
एनडीटीवी बिहार पावर प्ले कॉन्क्लेव में गृह मंत्री शाह ने वोटर्स के समर्थन पर भरोसा जताया। उन्होंने कहा कि बिहार देश के सबसे अधिक राजनीतिक रूप से जागरूक राज्यों में से एक है। पिछले दो दशकों में लोगों ने काफी तरक्की देखी है।
उन्होंने बिहार की कानून-व्यवस्था की स्थिति को बदलने का श्रेय सीएम नीतीश कुमार की सरकार को दिया। उन्होंने कहा कि आज अगर आप किसी भी युवा से पूछें, तो वे बताएंगे कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार कितना अधिक सुरक्षित महसूस होता है।
बिहार के विकास की एक विस्तृत रिपोर्ट पेश करते हुए, उन्होंने गंगा नदी पर चार पुलों के निर्माण, दस और पुलों के निर्माण की प्रक्रिया, स्व-सहायता के लिए एक व्यापक योजना और माओवादी गतिविधियों के लगभग खत्म होने जैसी मुख्य उपलब्धियों पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि पहले बातें डकैती और हिंसा की होती थीं, अब विकास और अवसरों की बातें हो रही हैं। एनडीए की अगुवाई पर जोर देते हुए गृह मंत्री शाह ने कहा कि नीतीश कुमार ही गठबंधन का चेहरा हैं।
अमित शाह ने कहा कि मैंने कई बार स्पष्ट किया है कि हम नीतीश कुमार की अगुवाई में चुनाव लड़ रहे हैं। वे हमारे मुख्यमंत्री हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री पद का अंतिम फैसला चुनाव के बाद संवैधानिक प्रक्रिया से होगा।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेतृत्व वाले विपक्षी महागठबंधन ने तेजस्वी यादव को अपना मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाया है और एनडीए पर अपना उम्मीदवार घोषित न करने के लिए बार-बार आलोचना की है।
अमित शाह ने इन तानों को खारिज करते हुए कहा, "एनडीए की एकता और ट्रैक रिकॉर्ड राजनीतिक ड्रामे से ज्यादा मायने रखते हैं।"