क्या आंध्र प्रदेश में चक्रवात के खतरे के बीच वाईएसआर कांग्रेस ने रैलियां टालीं?

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क्या आंध्र प्रदेश में चक्रवात के खतरे के बीच वाईएसआर कांग्रेस ने रैलियां टालीं?

सारांश

आंध्र प्रदेश में चक्रवात की आशंका के चलते वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने अपनी रैलियों को स्थगित कर दिया है। जानिए इस निर्णय के पीछे क्या कारण हैं और किसानों की स्थिति पर क्या असर पड़ रहा है।

Key Takeaways

  • चक्रवात की आशंका के चलते रैलियों का स्थगन
  • किसानों की स्थिति गंभीर है
  • सरकार की ओर से कोई राहत नहीं
  • वाईएसआरसीपी ने 4 नवंबर को रैलियां आयोजित करने का निर्णय लिया है
  • किसान समस्याओं का सामना कर रहे हैं

अमरावती, 26 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। आंध्र प्रदेश में चक्रवात तूफान के खतरे को देखते हुए वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने 28 अक्टूबर को होने वाली अपनी राज्यव्यापी रैलियों को स्थगित करने का निर्णय लिया है।

पार्टी ने ऐलान किया है कि ये रैलियां अब 4 नवंबर को आयोजित की जाएंगी।

पूर्व मुख्यमंत्री और वाईएसआरसीपी के अध्यक्ष वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने संभावित चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों के लोगों से सतर्क रहने और आवश्यक सावधानी बरतने की अपील की है।

उन्होंने पार्टी के नेताओं, कार्यकर्ताओं और स्वयंसेवकों से अनुरोध किया है कि वे राहत और पुनर्वास गतिविधियों में सहयोग करें और स्थानीय समुदायों की सहायता करें।

इस बीच, पूर्व मंत्री और वाईएसआरसीपी के वरिष्ठ नेता काकानी गोवर्धन रेड्डी ने चंद्रबाबू नायडू सरकार पर चक्रवात के संदर्भ में किसानों के कल्याण के लिए लापरवाही का आरोप लगाया है।

उन्होंने कहा कि नेल्लोर, कुरनूल और ओंगोल जिलों के किसान भारी बारिश के कारण संकट में हैं, जबकि सरकार ने न तो चेतावनी जारी की है और न ही उनकी आजीविका की सुरक्षा के लिए कोई उपाय किए हैं।

गोवर्धन रेड्डी ने बताया कि हाल ही में धान की रोपाई के बाद यूरिया की भारी कमी हो गई है, और सरकार ने खरीद केंद्र स्थापित नहीं किए हैं, जिससे किसान अब बारिश में फसलें खोने के कारण असहाय हैं।

उन्होंने कहा, "अकेले नेल्लोर जिले में 2 लाख एकड़ से अधिक फसलें नष्ट हो गई हैं, जबकि कुरनूल और ओंगोल में 1 लाख एकड़ फसल जलमग्न है।"

गोवर्धन ने सवाल उठाया कि क्या कृषि मंत्री इस स्थिति का सामना कर रहे हैं या किसानों की दुर्दशा से अनजान हैं।

उन्होंने कहा कि आम और कपास के किसानों को पहले ही भारी नुकसान हो चुका है और अब ताजा बारिश के कारण लगभग 50,000 एकड़ अतिरिक्त फसलें नष्ट हो गई हैं।

रेड्डी ने बताया कि मक्का किसानों को लगभग 12,000 रुपए प्रति एकड़ का नुकसान हुआ है, जबकि कृष्णा और गोदावरी डेल्टा क्षेत्र में धान के किसानों को चक्रवात के कारण गंभीर संकट का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि व्यापक विनाश के बावजूद, सरकार की ओर से मुआवजे या राहत की कोई घोषणा नहीं की गई है।

उन्होंने कहा, "चंद्रबाबू नायडू न तो किसानों को समझते हैं और न ही कृषि को महत्व देते हैं।"

उन्होंने यह भी कहा कि नायडू ने पदभार ग्रहण करने के बाद से कृषि क्षेत्र पर एक बार भी समीक्षा बैठक नहीं की है।

गोवर्धन ने कहा, "जब टमाटर और प्याज के किसान बाजार में गिरावट का सामना कर रहे थे, तब उन्होंने उनका अपमान किया। वाईएस जगन मोहन रेड्डी के कार्यकाल में किसी भी किसान को यूरिया की कमी नहीं झेलनी पड़ी, लेकिन आज, नायडू सरकार ने जानबूझकर किसान-हितैषी आरबीके (रायथु भरोसा केंद्र) को बंद कर दिया है, इनपुट सब्सिडी की अनदेखी की है और कृषि विभाग को दलालों और बिचौलियों का अड्डा बना दिया है।"

Point of View

आंध्र प्रदेश की स्थिति गंभीर है। चक्रवात की संभावना ने किसानों की आजीविका को खतरे में डाल दिया है। सरकार को तत्काल कदम उठाने की जरूरत है ताकि किसानों को राहत मिल सके। यह मुद्दा न केवल राज्य के लिए, बल्कि देश के लिए भी महत्वपूर्ण है।
NationPress
26/10/2025

Frequently Asked Questions

वाईएसआर कांग्रेस ने रैलियों को क्यों स्थगित किया?
वाईएसआर कांग्रेस ने चक्रवात तूफान की आशंका के कारण अपनी रैलियों को स्थगित किया है।
किसानों को क्या समस्याएं हो रही हैं?
किसान भारी बारिश के कारण फसल नष्ट होने और यूरिया की कमी जैसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
क्या सरकार ने किसानों के लिए कोई राहत की घोषणा की है?
अभी तक सरकार की ओर से किसानों के लिए किसी भी प्रकार की राहत या मुआवजे की घोषणा नहीं की गई है।