क्या कैबिनेट ने दालों में आत्मनिर्भरता के लिए 11,440 करोड़ रुपए के प्लान को मंजूरी दी?

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क्या कैबिनेट ने दालों में आत्मनिर्भरता के लिए 11,440 करोड़ रुपए के प्लान को मंजूरी दी?

सारांश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को दालों में आत्मनिर्भरता के लिए 11,440 करोड़ रुपए के महत्वाकांक्षी मिशन को मंजूरी दी। यह पहल कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाएगी और किसानों को बेहतर संसाधन मुहैया कराएगी।

Key Takeaways

  • दालों में आत्मनिर्भरता के लिए 11,440 करोड़ रुपए का महत्वाकांक्षी मिशन।
  • 2025-26 से 2030-31 तक लागू होगा।
  • 2 करोड़ किसानों को बेहतर बीजों की आपूर्ति।
  • 100% समर्थन मूल्य की खरीद सुनिश्चित।
  • 2030-31 तक उत्पादन 350 लाख टन तक पहुंचने की उम्मीद।

नई दिल्ली, 1 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को 11,440 करोड़ रुपए के वित्तीय परिव्यय के साथ दालों में आत्मनिर्भरता मिशन को मंजूरी दी।

घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने और दालों में आत्मनिर्भरता हासिल करने के उद्देश्य से इस ऐतिहासिक पहल को 2025-26 से 2030-31 तक छह वर्षों की अवधि में क्रियान्वित किया जाएगा।

सरकार के आधिकारिक बयान के अनुसार, दलहन मिशन के तहत अगले 4 वर्षों के दौरान लगभग 2 करोड़ किसानों को बेहतर बीजों की आपूर्ति की जाएगी और कटाई के बाद फसल के प्रबंधन के लिए बुनियादी ढांचे तैयार किया जाएगा। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उत्पादकों से तुअर, उड़द और मसूर दालों की 100 प्रतिशत खरीद सुनिश्चित की जाएगी।

भारत की फसल प्रणालियों और आहार में दालों का विशेष महत्व है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा दाल उत्पादक और उपभोक्ता देश है। बढ़ती आय और जीवन स्तर के साथ, दालों की खपत में भी वृद्धि हुई है। हालांकि, घरेलू उत्पादन मांग के अनुरूप नहीं रहा है, जिसके कारण दालों के आयात में 15-20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

उन्नत किस्मों को व्यापक रूप से उपलब्ध कराने के लिए, दलहन उत्पादक किसानों को 126 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज वितरित किए जाएंगे, जो 2030-31 तक 370 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करेंगे।

इस मिशन का उद्देश्य चावल की फसल केंद्रित भूमि और अन्य विविधीकरण योग्य भूमि को लक्षित करके दलहनों के क्षेत्रफल को 35 लाख हेक्टेयर तक बढ़ाना है, जिसमें अंतर-फसलीय खेती और फसल विविधीकरण को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए किसानों को 88 लाख बीज किट निःशुल्क वितरित की जाएंगी।

इस मिशन से 2030-31 तक दलहनों का क्षेत्रफल 310 लाख हेक्टेयर तक बढ़ने, उत्पादन 350 लाख टन तक बढ़ने और उपज 1130 किलोग्राम/हेक्टेयर तक पहुंचने की उम्मीद है। उत्पादकता में वृद्धि के साथ-साथ, इस मिशन से रोजगार के महत्वपूर्ण अवसर भी पैदा होंगे।

Point of View

बल्कि यह देश की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है। केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा दी गई इस मंजूरी से यह स्पष्ट होता है कि सरकार कृषि क्षेत्र को प्राथमिकता दे रही है और किसानों की समस्याओं को हल करने के लिए प्रतिबद्ध है।
NationPress
01/10/2025

Frequently Asked Questions

इस मिशन का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस मिशन का मुख्य उद्देश्य दालों के उत्पादन को बढ़ावा देना और किसानों को बेहतर बीज और संसाधन प्रदान करना है।
कब से कब तक यह योजना लागू होगी?
यह योजना 2025-26 से 2030-31 तक छह वर्षों की अवधि में लागू होगी।
कितने किसानों को लाभ होगा?
लगभग 2 करोड़ किसानों को इस मिशन के तहत लाभ होगा।