क्या कांग्रेस में नेतृत्व पर मंथन के बाद हाईकमान अंतिम फैसला लेगा: राजन्ना?
सारांश
Key Takeaways
- कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन का निर्णय हाईकमान करेगा।
- डीके शिवकुमार के मुख्यमंत्री बनने की संभावना कम है।
- राजन्ना ने पार्टी में अपनी स्थिति स्पष्ट की है।
- सिद्धारमैया का कार्यकाल पूरा करने की उम्मीद है।
- कांग्रेस में आंतरिक मतभेद उजागर हुए हैं।
बेंगलुरु, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पूर्व मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस विधायक केएन राजन्ना ने सोमवार को कहा कि कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर अंतिम निर्णय पार्टी हाईकमान ही लेगा। उन्होंने स्पष्ट कहा कि उपमुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार के मुख्यमंत्री बनने की संभावना कम है। बता दें कि केएन राजन्ना, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के करीबी माने जाते हैं।
राजन्ना ने कहा, “शिवकुमार के मुख्यमंत्री बनने की संभावना नहीं है। मैं पहले भी कह चुका हूं कि अगर वे मुख्यमंत्री बने तो मैं कैबिनेट में नहीं रहूंगा। यह सवाल तभी उठेगा जब वे सीएम बनें। मैं अभी भी कांग्रेस में हूं। पार्टी ने मेरे साथ कुछ नहीं किया, लेकिन कुछ लोगों ने मेरे खिलाफ साजिश रची।”
गौरतलब है कि राजन्ना ने हाल में शिवकुमार को चुनौती दी थी, जिसके बाद उन्हें कैबिनेट से हटा दिया गया था। यह विवाद तब बढ़ा था, जब उन्होंने मतदाता धोखाधड़ी मामले पर विपक्ष के नेता राहुल गांधी के बयान के विपरीत टिप्पणी की थी।
उन्होंने दूसरे दल में जाने की अटकलों को भी खारिज करते हुए कहा कि वह सक्रिय राजनीति में हैं और कांग्रेस नहीं छोड़ रहे।
राजन्ना का बयान उस वक्त आया है जब मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बेटे एवं एमएलसी यथिंद्र सिद्धारमैया ने कहा था कि उनके पिता अपना कार्यकाल पूरा करेंगे। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए राजन्ना ने कहा, “यथिंद्र का बयान उनकी व्यक्तिगत राय है। न तो सिद्धारमैया हाईकमान को डराते हैं और न ही हाईकमान उन्हें छोड़ देगा।”
जब उनसे गृह मंत्री जी परमेश्वर को मुख्यमंत्री बनाए जाने की संभावना पर सवाल पूछा गया, तो राजन्ना ने कहा कि मुख्यमंत्री पद किसी को केवल दलित होने के आधार पर नहीं दिया जाना चाहिए। हालांकि उन्होंने यह भी माना कि 2013 में पार्टी को जीत दिलाने में परमेश्वर का बड़ा योगदान रहा है।
कांग्रेस विधायक और शिवकुमार समर्थक एचसी बालकृष्ण द्वारा ‘राजन्ना को स्पष्ट करना चाहिए कि वे किस पार्टी में हैं’ वाले बयान पर उन्होंने पलटवार करते हुए कहा, “मैं 15 साल से कांग्रेस में हूं। बालकृष्ण जो चाहे मूर्खतापूर्ण बयान दे सकते हैं।”
इस बीच मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी कहा कि वह हाईकमान के निर्णय का सम्मान करेंगे और उसी अनुसार काम करेंगे।
बता दें कि कर्नाटक में नेतृत्व को लेकर बयानबाजी जारी है, लेकिन बयानों के बीच अब सबकी निगाहें हाईकमान के अंतिम फैसले पर टिकी हैं।