क्या दिल्ली में मिलावटी देसी घी का बड़ा रैकेट ध्वस्त हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली पुलिस ने 1,625 किलो नकली घी जब्त किया।
- तीन अवैध फैक्ट्रियों का भंडाफोड़ किया गया।
- 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
- यह कार्रवाई त्योहारी सीजन के दौरान की गई।
- उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य की सुरक्षा प्राथमिकता है।
नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए उत्तर-पूर्वी दिल्ली में तीन अवैध फैक्ट्रियों का भंडाफोड़ किया, जहां नकली देसी घी का उत्पादन किया जा रहा था। पुलिस ने गुरुवार को बताया कि इस ऑपरेशन में 1,600 किलो से अधिक नकली घी का संकलन किया गया है।
खुफिया जानकारी के आधार पर कार्रवाई करते हुए, टीमों ने शिव विहार, करावल नगर और मुस्तफाबाद में छापेमारी की। इस दौरान 1,625 किलो नकली घी जब्त किया गया और 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
यह कार्रवाई दशहरा और दिवाली के त्योहारी मौसम में घी की बढ़ती मांग के बीच की गई है।
पुलिस ने बताया कि यह अभियान उपभोक्ताओं को स्वास्थ्य संबंधी खतरों से बचाने और खाद्य सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करने के लिए शुरू किया गया था।
प्रारंभिक कार्रवाई शिव विहार में की गई, जहां साफिक (30) को गिरफ्तार किया गया। यहां से 520 किलो नकली घी, रसायन और बनाने की सामग्री बरामद की गई।
दूसरी कार्रवाई शिव विहार के फेज-7 में हुई, जहां यूसुफ मलिक (50), उनके बेटे मेहबूब (22), शाकिर और शाहरुख को पकड़ा गया। यहां से 440 किलो नकली घी, रसायन, चूल्हे, गैस सिलेंडर और पैकिंग सामग्री जब्त की गई।
तीसरी कार्रवाई ओल्ड मुस्तफाबाद में हुई, जहां जमालुद्दीन (40) को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने 665 किलो नकली घी और उपकरण बरामद किए।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि उन्होंने थोक में डालडा (वनस्पति घी) और सस्ता रिफाइंड तेल खरीदा था, जिसे गर्म करके शुद्ध देसी घी जैसा बना दिया गया। असली स्वाद देने के लिए, इसमें रसायन आधारित फ्लेवरिंग एजेंट और असुरक्षित पदार्थ मिलाए गए थे।
पुलिस के बयान में बताया गया कि इसके बाद उत्पाद को असली ब्रांड जैसे दिखने वाले टिन और पैकेटों में पैक किया जाता था और डेयरियों, दुकानों और वितरकों को, विशेषकर त्योहारों के मौसम में, आपूर्ति की जाती थी। इस खतरनाक प्रक्रिया ने न केवल उपभोक्ताओं को धोखा दिया, बल्कि उनके स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा भी उत्पन्न किया।
एक टिन के उत्पादन की लागत लगभग 1,300-1,400 रुपए थी, जबकि आरोपियों ने इसे बाजार में 3,500-4,000 रुपए में बेचा और भारी मुनाफा कमाया।
दिल्ली पुलिस ने नकली देसी घी के इस बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया है। मुख्य सरगना यूसुफ मलिक, जो पहले भी ऐसे मामले में पकड़ा जा चुका है, को गिरफ्तार किया गया। उसके बेटे मेहबूब और सहयोगी शाकिर व शाहरुख घी की बिक्री का काम संभाल रहे थे, जबकि साफिक और जमालुद्दीन अलग-अलग इकाइयों का संचालन कर रहे थे।
पुलिस ने त्योहारी सीजन से पहले 1,625 किलो नकली देसी घी जब्त किया, जिससे एक बड़े स्वास्थ्य खतरे को रोका गया। डीसीपी विक्रम सिंह ने कहा, "दिल्ली पुलिस लोगों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को खतरे में डालने वाले नकली सामान के रैकेट को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है।"
बीएनएस और खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। व्यापक आपूर्ति श्रृंखला का पता लगाने के लिए आगे की जांच जारी है।
--आईएनएस