क्या ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने विजयादशमी पर 'वोकल फॉर लोकल' का संदेश दिया?

सारांश
Key Takeaways
- मुख्यमंत्री ने 'वोकल फॉर लोकल' की अपील की।
- बयनीका स्टोर पर खरीदारी के माध्यम से स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन दिया।
- विजयादशमी का पर्व सत्य और न्याय की विजय का प्रतीक है।
- गांधी जी की आत्मनिर्भरता की विचारधारा को याद किया गया।
- राज्य के कारीगरों और छोटे उद्यमियों का समर्थन करने का संदेश।
भुवनेश्वर, 2 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। विजयादशमी के इस खास अवसर पर, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने अपने परिवार के साथ राज्य सरकार द्वारा संचालित बयनीका हैंडलूम स्टोर पर खरीदारी की। इस पल को उन्होंने प्रदेशवासियों को विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएं देने और 'वोकल फॉर लोकल' को अपनाने की अपील करने के लिए सार्थक बनाया।
मुख्यमंत्री ने कहा, "इस पावन दिन पर मैं सभी को विजयादशमी की शुभकामनाएं देता हूं। यह पर्व सत्य और न्याय की विजय का प्रतीक है। मैं माँ दुर्गा से प्रार्थना करता हूँ कि वह हर घर को शक्ति और समृद्धि से भर दें।"
उन्होंने आगे कहा कि विजयादशमी के दिन महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती भी है। गांधी जी ने हमेशा स्वदेशी और आत्मनिर्भरता की बात की। उनकी विचारधारा को याद करते हुए, मुख्यमंत्री ने सभी ओडिया लोगों से अपील की कि वे अपने राज्य के हस्तशिल्प, हैंडलूम और स्थानीय उत्पादों को अपनाएं और उनका समर्थन करें।
उन्होंने कहा, "राज्य का मुखिया होने के नाते, मैंने भी आज अपने परिवार के साथ बयनीका से खरीदारी की। यह केवल एक खरीदारी नहीं है, बल्कि एक संदेश है। आइए, हम सब संकल्प लें कि सप्ताह में कम से कम एक दिन खादी और हैंडलूम पहनें एवं उपयोग करें। इससे न केवल हमारे कारीगरों को बल मिलेगा, बल्कि ओडिशा और भारत आत्मनिर्भरता की ओर एक ठोस कदम बढ़ाएंगे।"
सीएम ने शॉपिंग की कुछ तस्वीरें अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा, "आज गांधी जयंती के अवसर पर, परिवार को बयनीका जाकर कुछ खूबसूरत हथकरघे के उत्पाद खरीदने का मौका मिला। गांधीजी हमेशा स्वदेशी और आत्मनिर्भरता पर जोर देते थे। आइए, हम सब मिलकर उनके आदर्शों को अपनाएं और अपने स्थानीय कारीगरों और बुनकरों का समर्थन करें। मैं आप सभी से स्वदेशी बनने, वोकल फॉर लोकल बनने, स्थानीय उत्पाद खरीदने और अपनी समृद्ध हस्तशिल्प एवं हथकरघा परंपरा को संरक्षित करने का आग्रह करता हूँ।"
मुख्यमंत्री का यह संदेश 'वोकल फॉर लोकल' को प्रोत्साहित करने के लिए था, जिससे राज्य के बुनकरों, शिल्पकारों और छोटे उद्यमियों को नया जीवन मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि यह अभियान केवल आर्थिक विकास का नहीं, बल्कि सांस्कृतिक पुनर्जागरण का भी हिस्सा है।