क्या उदित राज आरएसएस को आतंकवादी संगठन कहकर सस्ती लोकप्रियता अर्जित करना चाहते हैं? : तरुण चुघ

सारांश
Key Takeaways
- उदित राज का बयान देश में सियासी घमासान का कारण बना।
- भाजपा ने इसे सस्ती लोकप्रियता का प्रयास बताया।
- आरएसएस ने पिछले सौ वर्षों में राष्ट्र निर्माण की दिशा में कार्य किया है।
- लद्दाख
- राजनीतिक बयानों का संदर्भ महत्वपूर्ण होता है।
नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस नेता उदित राज द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को आतंकवादी संगठन कहने के बयान ने देश में सियासी हलचल पैदा कर दी है। इस पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने उदित राज के बयान को मूर्खतापूर्ण और अज्ञानता से भरा बताया और कहा कि वे सिर्फ सस्ती लोकप्रियता प्राप्त करने का प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, "राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एक ऐसा संगठन है जो राष्ट्र को देवता मानता है और देश के लिए तप करता है। यह संगठन पिछले सौ वर्षों से व्यक्ति निर्माण के माध्यम से राष्ट्र निर्माण के महायज्ञ में लगा हुआ है। यह जातिवाद और अलगाववाद को तोड़ने के साथ-साथ देश के जन-जन को जोड़ने का कार्य करता है। आरएसएस ने पिछड़े, वंचित और अनुसूचित जनजाति समुदायों के लिए सराहनीय कार्य किए हैं। उनकी 'नर सेवा, नारायण सेवा' और 'राष्ट्र प्रथम' की सोच ने देशवासियों में संघ के प्रति सम्मान और श्रद्धा का भाव उत्पन्न किया है।"
तरुण चुघ ने कांग्रेस पर लद्दाख के मुद्दे को लेकर भी निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने इस संवेदनशील क्षेत्र को अपनी राजनीति का अखाड़ा बना दिया है।
उन्होंने सवाल उठाया, "लद्दाख में हिंसा किसके इशारे पर हुई? कांग्रेस नेताओं की इसमें क्या भूमिका थी? कौन चीन की सेना को रास्ता दिखाने की बात कर रहा था?"
उन्होंने यह दावा किया कि कांग्रेस ने राजनीतिक लाभ के लिए लद्दाख जैसे पर्यटन क्षेत्र को अशांति की आग में झोंक दिया।
तरुण चुघ ने 26/11 मुंबई हमले का उल्लेख करते हुए यूपीए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि उस समय सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व वाली सरकार ने विदेशी दबाव के कारण कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।
चुघ ने तत्कालीन गृह मंत्री पी. चिदंबरम के बयान का हवाला देते हुए कहा कि उनकी स्वीकारोक्ति से यह स्पष्ट है कि यूपीए सरकार ने उस समय कमजोरी दिखाई। यदि उस समय सख्त कार्रवाई की गई होती, तो बाद की कई घटनाओं को रोका जा सकता था। जनता सब देख रही है।