क्या मां काजोल के साथ नीसा देवगन ने 'सिंदूर खेला' की रस्म निभाई?

सारांश
Key Takeaways
- सिंदूर खेला नारी शक्ति और समृद्धि का प्रतीक है।
- काजोल और नीसा का पारंपरिक लुक बेहद खूबसूरत था।
- मुखर्जी परिवार हर साल इस विरासत का आयोजन करता है।
मुंबई, 2 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तरी मुंबई के दुर्गा पूजा पंडाल में पारंपरिक विरासत का एक अद्भुत नज़ारा प्रस्तुत हुआ, जब अभिनेत्री काजोल और उनकी बेटी नीसा देवगन ने "सिंदूर खेला" की रस्मों को निभाते हुए सभी का ध्यान आकर्षित किया।
नॉर्थ बॉम्बे सर्बोजनिन दुर्गा पूजा पंडाल में सिंदूर खेला करते समय मां-बेटी की जोड़ी बेहद खूबसूरत नजर आ रही थी। इस अवसर पर दोनों ने मीडिया के लिए कई तस्वीरें भी खिंचवाईं। काजोल ने अपनी बेटी नीसा के माथे को चूमते हुए एक प्यारी तस्वीर खिंचवाई।
इस दौरान, दोनों मां-बेटी ने पारंपरिक रूप में काफी सुंदरता बिखेरी। काजोल ने लाल और सफेद रंग की चेक वाली साड़ी पहनी थी, जबकि नीसा ने केसरिया रंग का सूट पहन रखा था। काजोल ने अपनी बेटी नीसा और उनकी सहेलियों को मां दुर्गा की मूर्ति पर सिंदूर लगाने का तरीका सिखाते हुए नजर आईं।
गौरतलब है कि सिंदूर खेला की रस्म दशमी के दिन मनाई जाती है। यह एक ऐसा समारोह है जिसमें महिलाएं और युवतियां एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर समृद्धि और नारी शक्ति का प्रतीक बनाती हैं।
बुधवार को काजोल अपने बेटे युग के साथ यहां पहुंची थीं। पंडाल में युग अपनी मां के पास गए, उन्हें गले लगाया और कुछ कहा। इसके बाद काजोल ने प्यार से अपने हाथों से उनके सिर पर हाथ फेरते हुए उनकी बातें सुनीं।
यहां काजोल और जया बच्चन को बातचीत करते हुए भी देखा गया। दोनों ने फोटो के लिए पोज भी दिए। इसके बाद, काजोल अपनी बहन तनीषा मुखर्जी और रानी मुखर्जी के साथ सेल्फी भी क्लिक करती नजर आईं। इस समारोह के दौरान काजोल अन्य कलाकारों का गर्मजोशी से स्वागत करती दिखीं।
हर साल सर्बोजनिन दुर्गा पूजा पंडाल का आयोजन मुखर्जी परिवार ही करता है। लगभग सात दशक पहले काजोल की दादी ने इस दुर्गा पूजा की परंपरा की शुरुआत की थी, और यह परिवार आज भी इस विरासत को गर्व के साथ संभाले हुए है।