क्या स्टालिन को आरएसएस के योगदान को समझना चाहिए? : केंद्रीय राज्यमंत्री मुरुगन

सारांश
Key Takeaways
- आरएसएस का योगदान समाज में महत्वपूर्ण है।
- मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को संगठन के बारे में सही जानकारी लेनी चाहिए।
- महात्मा गांधी के आदर्शों के अनुसार स्थानीय उत्पादों को अपनाना चाहिए।
- राजनीति को गंभीर मुद्दों से अलग रखना चाहिए।
- सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन को सख्ती से कार्य करना होगा।
चेन्नई, 2 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की स्थापना का सौवां वर्ष पूरा हुआ है। इस अवसर पर केंद्रीय राज्यमंत्री एल. मुरुगन ने आरएसएस के महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की।
मीडिया से बातचीत में उन्होंने आरएसएस के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह संगठन शिक्षा, सांस्कृतिक संरक्षण, आपदा राहत और जातिवाद उन्मूलन जैसे सामाजिक सुधारों में लंबे समय से सक्रिय है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी अपने लेखों में संघ के योगदान का उल्लेख किया है।
उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को भी आरएसएस के योगदान को समझना चाहिए। मैं उन्हें एक ऐसी किताब भेजने के लिए तैयार हूं, जिसमें राष्ट्र निर्माण में संगठन की भूमिका का विस्तृत विवरण है। ऐसा लगता है कि उन्हें संगठन के बारे में गलत जानकारी दी गई है।”
गांधी जयंती पर केंद्रीय राज्यमंत्री मुरुगन ने चेन्नई के अन्ना सलाई स्थित खादी ग्रामोद्योग भवन का दौरा किया और खादी उत्पाद खरीदे। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने हमेशा स्थानीय उत्पादों और आत्मनिर्भरता पर जोर दिया है। प्रधानमंत्री मोदी भी उनके आदर्शों का पालन करते हुए लोगों को स्थानीय और स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। खादी उत्पादों की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। पिछले साल हमारी बिक्री 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक रही।
करूर हादसे पर उन्होंने कहा कि वे इस मामले का राजनीतिकरण नहीं करना चाहते। केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के रूप में उन्होंने केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ प्रभावित लोगों से मिलने करूर गए थे। पार्टी नेतृत्व एनडीए सांसदों की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई करेगा। एक्टर विजय कठिन समय से गुजर रहे हैं और ऐसे समय में राजनीति से दूरी बनाए रखना उनके लिए बेहतर होगा।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “राहुल गांधी अच्छे नेता नहीं हैं। यह बात उनकी विदेश यात्राओं के दौरान प्रधानमंत्री की आलोचना से स्पष्ट होती है। किसी भी राष्ट्रीय मुद्दे पर आलोचना देश के भीतर होनी चाहिए, विदेशों में नहीं।”
तिरुवन्नामलाई में हुई यौन उत्पीड़न की हालिया घटना पर उन्होंने कहा कि दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए। राज्य सरकार से अपील की कि तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस और जिला प्रशासन को सख्ती से कार्य करना होगा।