क्या विदेश मंत्री जयशंकर ने एयरबस और इंडिगो प्रबंधन से मुलाकात की? भारत-यूरोप विमानन सहयोग का हुआ जिक्र

सारांश
Key Takeaways
- भारत का नागरिक उड्डयन क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है।
- एयरबस और इंडिगो के साथ सहयोग महत्वपूर्ण है।
- प्रौद्योगिकी एवं विनिर्माण साझेदारी पर ध्यान दिया गया।
- भारत-यूरोप के बीच विमानन संबंध मजबूत हो रहे हैं।
- बुनियादी ढांचे में सुधार और प्रशासनिक बदलावों से अवसर सृजित हो रहे हैं।
नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। विदेश मंत्री एस. जयशंकर और नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापु ने एयरबस के निदेशक मंडल और इंडिगो के शीर्ष प्रबंधन के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की।
इस बैठक का मुख्य उद्देश्य भारत के नागरिक उड्डयन क्षेत्र को सशक्त करना और भारत-यूरोप के आर्थिक एवं विमानन सहयोग को और अधिक गहरा करना था।
बैठक में भारत में चल रहे बुनियादी ढांचे के सुधारों, आर्थिक नीतियों में बदलाव और प्रशासनिक सुधारों पर चर्चा हुई। दोनों मंत्रियों ने वैश्विक विमानन कंपनियों के लिए इन परिवर्तनों से उत्पन्न रणनीतिक अवसरों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया।
बैठक के बाद, विदेश मंत्री जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "अपने कैबिनेट सहयोगी राम मोहन नायडू के साथ एयरबस के निदेशक मंडल और इंडिगो के वरिष्ठ प्रबंधन के साथ बातचीत करके मुझे खुशी हुई।"
उन्होंने आगे कहा, "भारत में चल रहे बुनियादी ढांचे, आर्थिक और प्रशासनिक परिवर्तनों के साथ-साथ भारत-यूरोप के बढ़ते संबंधों और भारत के नागरिक उड्डयन क्षेत्र के विकास के लिए उत्पन्न अवसरों पर उपयोगी बातचीत हुई।"
यह बैठक तब हुई है जब भारत में यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है और हवाई अड्डों का नेटवर्क विस्तार हो रहा है। इससे भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते विमानन बाजारों में से एक बन रहा है।
एयरबस और इंडिगो इस विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद कर रहे हैं।
अधिकारियों ने कहा कि चर्चा में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, विनिर्माण साझेदारी और स्थिरता लक्ष्यों पर भी चर्चा हुई, जो भारत के आत्मनिर्भरता और हरित विमानन के प्रयासों के अनुकूल है।