क्या नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता शेख बशीर ने आरएसएस पर सवाल उठाए और भागवत के बयान की सराहना की?

सारांश
Key Takeaways
- आरएसएस की स्थापना का उद्देश्य एकता और विकास था।
- शेख बशीर ने मोहन भागवत के बयान की सराहना की।
- भारतीय संविधान सभी को धर्म के अनुसार जीने की स्वतंत्रता देता है।
- भारत की तरक्की में नेहरू और शास्त्री का योगदान अहम है।
- नफरत फैलाने में आरएसएस का योगदान रहा है।
जम्मू, 2 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता शेख बशीर ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की विचारधारा और वर्तमान कार्यशैली पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जब आरएसएस की स्थापना हुई थी, तब इसका लक्ष्य देश की एकता, सुख-समृद्धि और विकास के लिए कार्य करना था, लेकिन आज यह संगठन नफरत फैलाने का माध्यम बन चुका है।
उन्होंने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की उस टिप्पणी का समर्थन किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि 'इस्लाम भारत में आया, भारत में है और भारत में रहेगा।'
बशीर ने कहा कि यह बयान समाज में सोच बदलने वाला है, क्योंकि अब तक नफरत ही अधिक देखने को मिली थी।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत का संविधान सभी को अपने-अपने धर्म के अनुसार जीने की स्वतंत्रता प्रदान करता है और हमें 'जियो और जीने दो' की नीति पर चलना चाहिए। बशीर ने आरएसएस के शताब्दी वर्ष पूरे होने पर संगठन और मोहन भागवत को भी बधाई दी। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी को आने वाले सौ वर्षों के बारे में समझना होगा, ताकि भारत और मजबूत बन सके।
शेख बशीर ने देश की तरक्की पर बात करते हुए स्पष्ट किया कि इसमें आरएसएस की कोई भूमिका नहीं है। भारत आज तकनीक के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है और इसका श्रेय पंडित जवाहरलाल नेहरू और लाल बहादुर शास्त्री जैसे नेताओं को जाता है, न कि भारतीय जनता पार्टी या आरएसएस को।
उन्होंने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि हाल ही में पहलगाम की घटना से पहले भी कई हमले हुए हैं और इन परिस्थितियों से निपटने में देश ने काफी चुनौतियों का सामना किया है।
शेख बशीर ने आगे कहा कि वे आरएसएस को आतंकवादी संगठन नहीं कहेंगे, लेकिन यह जरूर मानते हैं कि समाज में नफरत फैलाने में संगठन का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। अगर 2025 के दौर में आगे बढ़ना है, तो खुले दिल और आपसी सद्भाव के साथ जीना होगा।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के उस बयान पर भी शेख बशीर ने प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर पाकिस्तान ने हिमाकत की तो उसकी भौगोलिक स्थिति बदल दी जाएगी। बशीर ने कहा कि रक्षा मंत्री होने के नाते उन्हें इस तरह के बयान देने का अधिकार है, लेकिन व्यावहारिक रूप से हम अपने पड़ोसी मुल्क को बदल नहीं सकते। यही बात पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी कही थी।